Worlds Most Expensive School: बच्चों के जन्म के साथ ही माता-पिता उसकी पढ़ाई-लिखाई के बारे में सोचने लगते हैं कि वे अपने बच्चे का किस स्कूल में एडमिशन कराएंगे. जहां उसके अच्छी शिक्षा मिल सके. जिससे वह अपने भविष्य को उज्जवल बना सके. वहीं मिडिल क्लास के परिवार ऐसे स्कूलों की तलाश में रहते हैं जहां फीस भी कम हो और पढ़ाई भी अच्छी हो. इस बीच हम आपको दुनिया के सबसे महंगे स्कूल के बारे में बताने जा रहे हैं. जहां अपने बच्चे को पढ़ाना हर किसी के बस की बात नहीं है. क्योंकि यहां एक साल की फीस इतनी है कि आप दिल्ली-एनसीआर के किसी शहर में शानदार घर खरीद सकते हैं. तो चलिए बताते हैं उस स्कूल के बारे में.
स्विटजरलैंड में है दुनिया का सबसे महंगा स्कूल
दरअसल, हम बात कर रहे हैं स्विटजरलैंड के 'इंस्टिट्यूट ले रोज़' (Institut Le Rosey) स्कूल के बारे में. जहां एक साल की फीस इतनी है कि भारत के सबसे महंगे स्कूल की फीस भी स्विटजरलैंड के इस स्कूल की एक साल की फीस में पांच साल के लिए भर दी जाएगी. यहां बता दें कि भारत में सबसे महंगा स्कूल वुड्सस्टॉक्स है. जो मसूरी में है. यहां एक साल की फीस 20 लाख रुपये से ज्यादा है. लेकिन स्विटजरलैंड के इस स्कूल की एक साल की फीस करीब एक करोड़ रुपये है.
50 से ज्यादा देशों के पढ़ते हैं बच्चे
इस स्कूल में एक दो नहीं बल्कि 50 देशों के बच्चे पढ़ते हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 'इंस्टिट्यूट ले रोज़' दुनिया का सबसे महंगा स्कूल माना जाता है. जिसमें करोड़पति नहीं बल्कि अरबपतियों के बच्चे ही पढ़ते हैं. यही नहीं इस स्कूल में कई देशों के राजा-महाराजाओं के बच्चे भी पढ़ चुके हैं. इस स्कूल में स्पेन, मिस्र, बेल्जियम, ईरान और ग्रीस के राजाओं ने भी पढ़ाई की है.
कितनी है इस स्कूल की फीस
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस स्कूल में एक बच्चे की एक साल की फीस एक करोड़, 14 लाख रुपये है. विकीपीडिया से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इंस्टिट्यूट ले रोज़ की फीस 133,000 अमेरिकी डॉलर है, जो भारतीय रुपये में 11438000 रुपये है. इस स्कूल में सिर्फ 280 बच्चे पढ़ते हैं. इस स्कूल की स्थापना 1880 में पॉल कर्नल ने की थी. यहां हर साल दुनियाभर के 50 देशों के बच्चे पहुंचते हैं. अगर इस स्कूल की खासियत की बात करें तो ये ऐसा बोर्डिंग स्कूल है जहां दो कैंपस है. इस स्कूल में टेनिस कोर्ट, शूटिंग रेंज , एक्वेस्ट्रेन सेंटर और एक शानदार कॉन्सर्ट हॉल है. जिसे बनाने में करीब 400 करोड़ रुपये खर्चे हुए हैं.
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