Who is Akrit Pran Jaswal: दुनिया में कई तरह के लोग हैं, कुछ अपनी मेहनत से जीनियस बनते हैं तो कुछ पैदा ही जीनियस होते हैं. जो सबसे अलग और कमाल का होता है उसका नाम पूरी दुनिया में होता है. ऐसे ही जीनियस बच्चे की कहानी आज हम आपको बताएंगे जिसने इतनी छोटी सी उम्र में ही वो कर दिखाया जिसे करने में आधी उम्र निकल जाती है. इस नायाब बच्चे का नाम है अकृत जयसवाल उनकी इन अद्भुत उपलब्धियों ने रातो रात उन्हें दुनिया भर में सुर्खियों में ला दिया था.
हिमाचल प्रदेश के रहने वाले केवल 7 साल के अकृत सबसे युवा सर्जन बन गए थे. इसके बाद उन्होंने 12 साल की उम्र में आईआईटी में एडमिशन लेकर पढ़ाई पूरी की. उनकी ये प्रतिमा साधारण नहीं है, जब अकृत 10 महीने के थे तो बोलने लगे थे. इसके बाद दो साल से पहले पढ़ने-लिखने में सक्षम हो गएं. जिस उम्र में अधिकतर बच्चे स्किल सीख रहे होते हैं उस उम्र में अकृत इंग्लिश क्लासिक्स पढ़ रहे थे. ये सुनकर हैरानी हो सकती है लेकिन ये बिल्कुल सच है.
7 साल की उम्र में की पहली सर्जरी
अकृत सुर्खियों तब आए थे जब उन्होने 7 साल की उम्र में ही आठ साल के बच्चे की सर्जरी की थी. जले हुए बच्चे को उन्होंने बचाया था. इस सर्जरी के बाद उन्हें दुनिया के सबसे कम उम्र के सर्जन का खिताब मिला था. 12 साल की उम्र में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में साइंटिफिक रिसर्च शुरू कर दी थी. अपने अद्भूत आईक्यू वाले अकृत एक टॉक शो में शामिल हुए थे. 17 साल की उम्र में उन्होंने मास्टर की डिग्री हासिल की थी.
अब कहां और क्या कर रहे हैं अकृत जसवाल?
इन असाधारण प्रतिभा के धनी अकृत जसवाल आईआईटी कानपुर में ऑस्टियोआर्थराइटिस बीमारी पर भी रिसर्च कर रहे थे. फिलहाल वह कहां है इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है. रिपोर्ट के माने तो साल 2019 में ऑस्टियोआर्थराइटिस बीमारी के इलाज संबंधी एक तकनीक पर पेटेंट फाइल किया था.
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