Success Story: आज के समय में पढ़ाई करना इतना मुश्किल नहीं, मुश्किल है तो केवल फोकस करना. क्योंकि इसके बिना आपके पढ़ाई का कोई फायदा नहीं है. आज ये समय है कि डिस्ट्रैक्शन हद से ज्यादा हो गया है. खासकर फोन से बचना तो बिल्कुल नामुमकीन सा हो गया है. लेकिन जिन्हें मंजिल पाने की जिद होती है उनके लिए कोई भी रुकावट नहीं है. आज हम बताने जा रहे हैं एक प्रेरणा से भरी कहानी जिन्होंने इस डिस्ट्रैक्शन को कैसे दूर किया और अपनी सपने की ओर बढ़ी.
तीन बार हुई फेल
राजस्थान की जयपुर की रहने वाली नेहा ब्याडवाल ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए हर उस चीज को दूर कर दिया जिससे उन्हें रुकावट महसूस होती है. नेहा की परवरिश छत्तीसगढ़ में हुई. उनके पिता श्रवण कुमार की सरकारी नौकरी की वजह से उन्हें जगह बदलना पड़ता था. इसी वजह से नेहा को भी कई स्कूल बदलने पड़े. बचपन से नेहा पढ़ाई में अच्छी थी. नेहा ने ग्रेजुएशन के बाद ही अपनी तैयारी शुरू कर ली थी.
नेहा के पिता एक सीनियर इनकम टैक्स ऑफिसर थे जिनकी सेवा से प्रेरित होकर, नेहा ने सिविल सेवा में अपना करियर बनाने का फैसला किया.IAS बनने का सफर नेहा के लिए आसान नहीं था. पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने UPSC CSE की तैयारी शुरू कर दी. लेकिन उन्हें कई मुश्किलों से गुजरना पड़ा. वे अपने तीनों प्रयासों में परीक्षा पास नहीं कर पाई.
फोन और सोशल मीडिया से पूरी तरह बना ली थी दूरी
नेहा ने महसूस किया कि वह पढ़ाई तो कर रही थी लेकिन फोकर उस तरीके से नहीं कर पा रही थी जैसा होना चाहिए.सोशल मीडिया की वजह से काफी डिस्टैक्ट हो रही थी. इसलिए उन्होंने तैयारी के दौरान मोबाइल फोन से पूरी तरह दूरी बना ली. इसके बाद उन्होंने खुद को पढ़ाई के लिए पूरी तरह समर्पित किया. यहां तक की उन्होंने अपने दोस्तों और परिवार से भी दूरी बना ली.
नेहा ने जमकर तैयारी की और पहली एसएससी की परीक्षा पास की, लेकिन नौकरी नहीं की. क्योंकि नेहा आईएएस की परीक्षा पास करना चाहती थी. साल 2021 में नेहा की मेहनत रंग लाई. अपने चौथे प्रयास में 569वीं ऑल इंडिया रैंक लेकर आईं. केवल 24 साल की उम्र में नेहा ने अपना आईएएस बनने का सपना पूरा किया.
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