कलः 3 कॉलेज 750 छात्र, आजः 90 कॉलेज 6 लाख स्टूडेंट्स
आज से 100 वर्ष पूर्व जब दिल्ली विश्वविद्यालय से शुरू किया गया था. तब इसका बजट केवल 40 हजार रुपये था. वहीं, आज दिल्ली विश्वविद्यालय का बजट 838 करोड़ से अधिक जा चुका है.
highlights
- दिल्ली विश्वविद्यालय की स्थापना एक मई 1922 को हुई थी
- मात्र 750 छात्रों के साथ शुरू किया गया दिल्ली विश्वविद्यालय
- एक मई 2022 को स्थापना के शताब्दी समारोह का आयोजन
नई दिल्ली:
मात्र 750 छात्रों के साथ शुरू किया गया दिल्ली विश्वविद्यालय आज 6 लाख 6 हजार 228 छात्रों को शिक्षा प्रदान कर रहा है. दिल्ली विश्वविद्यालय आज से 100 साल पहले एक मई 1922 को सिर्फ तीन कॉलेजों के साथ शुरू किया गया था. हालांकि आज दिल्ली विश्वविद्यालय में 90 कॉलेज 16 फैकल्टी और हजारों शिक्षक हैं. यही कारण है कि 100 वर्ष का हो चुका दिल्ली विश्वविद्यालय न केवल दिल्ली, बल्कि पूरे भारत के सबसे बड़े विश्वविद्यालयों में शुमार है. इसके साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय का अपना अलग ऐतिहासिक महत्व भी है. शहीद भगत सिंह ने एक रात इस संस्थान में गुजारी थी, तो महात्मा गांधी इसके सेंट स्टीफन कॉलेज में रहे थे.
तब बजट था 40 हजार रुपए और आज है 838 करोड़ से ज्यादा
आज से 100 वर्ष पूर्व जब दिल्ली विश्वविद्यालय से शुरू किया गया था. तब इसका बजट केवल 40 हजार रुपये था. वहीं, आज दिल्ली विश्वविद्यालय का बजट 838 करोड़ से अधिक जा चुका है. दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने विश्वविद्यालय के 100 वर्ष पूरा होने पर डीयू की उपलब्धियां गिनवाते हुए बताया कि इन 100 वर्षो में दिल्ली विश्वविद्यालय देश के हर घर और हर मन तक पहुंच चुका है. गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय की स्थापना एक मई 1922 को हुई थी और एक मई 2022 को विश्वविद्यालय की स्थापना के शताब्दी समारोह का आयोजन डीयू परिसर में किया गया. शताब्दी समारोह का उद्घाटन भारत के उपराष्ट्रपति एवं दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एम. वेंकैया नायडू ने दीप प्रज्वलित करके किया.
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शिक्षा मंत्री ने बताया ऐतिहासिक महत्व
समारोह के विशिष्ट अतिथि के तौर पर आए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने अपने संबोधन में दिल्ली विश्वविद्यालय के 100 वर्ष पूरे होने पर कुलपति, सभी पूर्व कुलपतियों, पूर्व शिक्षकों, वर्तमान शिक्षकों, विद्यार्थियों व डीयू से जुड़े सभी गैर शिक्षक कर्मचारियों सहित डीयू की कैंटीनों में काम करने वाले लोगों को भी बधाई दी. उन्होंने डीयू को जीवंत विश्वविद्यालय की संज्ञा देते हुए कहा कि हमारी आजादी का इतिहास इस संस्थान से जुड़ा रहा है. शहीद भगत ने एक रात इस संस्थान में गुजारी. महात्मा गांधी इसके सेंट स्टीफन कालेज में रहे. उन्होंने डीयू की सराहना करते हुए कहा कि देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को डीयू ने सबसे पहले अपनाया है और केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए एकल प्रवेश परीक्षा को लागू करने में भी पहल की है.
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