विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने ग्रेजुएशन करने वाले स्टूडेंट्स के लिए एक जरूरी फैसला लिया है. अब छात्रों को अपनी पढ़ाई की समय सीमा को बढ़ाने या घटाने का ऑप्शन मिलेगा. इस पहल का मकसद हाय एजुकेशन में छात्रों को ज्यादा लचीलापन और सुविधाएं देना है. यूजीसी के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने इस फैसले की घोषणा की और बताया कि यह कदम छात्रों के लिए और भी अधिक अवसर पैदा करेगा.
यूजीसी के नए दिशा-निर्देश
यूजीसी ने नए दिशा-निर्देशों के तहत उच्च शिक्षा संस्थानों (HEIs) को दो प्रमुख ऑप्शन देने का प्रस्ताव रखा है. त्वरित डिग्री प्रोग्राम (ADP) और विस्तारित डिग्री प्रोग्राम (EDP). इन दोनों ऑप्शन से छात्रों को अपनी शिक्षा के दौरान अधिक सुविधा और फ्लैक्सिबल मिलेगा.
1. त्वरित डिग्री प्रोग्राम (ADP): इस प्रोग्राम के तहत वे छात्र, जिनका शैक्षिक प्रदर्शन असाधारण है या जो एक्स्ट्रा क्रेडिट्स प्राप्त करते हैं, पारंपरिक समय सीमा से पहले ही अपनी डिग्री पूरी कर सकते हैं. यानी अगर किसी छात्र ने ज्यादा मेहनत की और समय से पहले तय किए गए क्रेडिट्स पूरे कर लिए, तो उसे अपनी डिग्री जल्दी प्राप्त करने का मौका मिलेगा.
2. विस्तारित डिग्री प्रोग्राम (EDP): इस ऑप्शन में वे छात्र शामिल हैं, जिनको पर्सनल, शैक्षणिक या वित्तीय कारणों से समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे छात्र बिना किसी जुर्माने के अपनी डिग्री पूरी करने के लिए एक्स्ट्रा समय ले सकते हैं. यह ऑप्शन उन छात्रों के लिए बेहद फायदेमंद होगा जो किसी कारणवश अपनी पढ़ाई में देरी कर रहे हैं और समय सीमा के भीतर अपनी डिग्री पूरी नहीं कर पा रहे.
भविष्य में क्या होगा?
यूजीसी के इस कदम से शिक्षा प्रणाली में अधिक लचीलापन और सुविधाएं आएंगी, जिससे छात्रों को अपने शैक्षिक और पर्सनल लाइफ को बेहतर तरीके से संतुलित करने में मदद मिलेगी. अब छात्रों के पास एक ऐसा ऑप्शन होगा, जिससे वे अपनी पढ़ाई को अपनी परिस्थितियों के अनुरूप तय कर सकते हैं, जिससे उनकी सफलता की दर में भी बढ़ोतरी हो सकती है.
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