यूपी में कक्षा 1 से 8 तक के प्राइमरी स्कूल खुले, जानें कैसा रहा पहला दिन
उत्तर प्रदेश में करीब एक साल बाद 1 मार्च से प्राइमरी स्कूल खुल रहे हैं. राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर स्कूलों को बंद कर दिया गया था. लेकिन अब प्रदेश सरकार ने बंद प्राइमरी स्कूलों को दोबारा खोलने का आदेद्श्य जारी किया है.
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश में करीब एक साल बाद फिर प्राइमरी स्कूल खुल गए हैं. एक साल बाद जब बच्चे स्कूल पहुंचे तो उनकी खुशी का ढिकाना नहीं रहा. बच्चे अपने दोस्तों से मिलकर खुश नजर आए. हालांकि पहले दिन स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति काफी कम रही. राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर स्कूलों को बंद कर दिया गया था. लेकिन अब प्रदेश सरकार ने बंद प्राइमरी स्कूलों को दोबारा खोलने का आदेद्श्य जारी किया है. केंद्र सरकार की ओर से उच्च प्राथमिक स्कूलों को खोलने की गाइडलाइन जारी होने के बाद सीएम योगी ने स्थितियों का आंकलन कर स्कूलों को खोलने के निर्देश पहले ही दे दिए थे.
यह भी पढ़ेंः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगवाई कोरोना वायरस वैक्सीन, लोगों से की ये अपील
वहीं, उच्च कक्षाओं की बात करें तो इनके लिए स्कूलों को अक्टूबर 2020 में फिर से खोल दिया गया था. बाकी कक्षाओं के लिए सरकार ने ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करने की सिफारिश की थी. उत्तर प्रदेश में कक्षा 6 से 8 तक के स्कूल 10 फरवरी से खुल गये हैं, वहीं प्रदेश के प्राइमरी स्कूल 1 मार्च से खोले जाएंगे. पिछले कुछ हफ्तों में राज्य में कोरोना वायरस के मामलों में काफी कमी आई है. राज्य में टीकाकरण अभियान के पहले चरण के तहत फ्रंटलाइन और स्वास्थ्य सेवा श्रमिकों को कोराना की वैक्सीन लगाई जा रही है. वैक्सीन के आने के बाद से ही देश को राहत मिली है और सुधरती हुई स्थिति को देखते हुए कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने या तो स्कूलों को फिर से खोल दिया या स्कूलों को खोलने की तैयारियों पर जोर दिया जा रहा है.
यह भी पढ़ेंः Corona Vaccine का दूसरा चरण आज से, जानें कैसे और कितने में लगेगी
लखनऊ बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारी) दिनेश कुमार के अनुसार, शिक्षकों को उत्सव का माहौल बनाने के लिए स्कूलों को सजाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि बच्चे लंबे अंतराल के कारण स्कूल परिसर में फिर से प्रवेश करने में संकोच न करें. स्कूली बच्चों के लिए सुरक्षित पेयजल की भी व्यवस्था की जा रही है. स्कूलों को इस उद्देश्य के लिए सबमर्सिबल पंप लगाने के लिए निर्देशित किया गया है. उल्लेखनीय है कि राज्य में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित डेढ़ लाख स्कूलों में 1.83 करोड़ से अधिक छात्र पढ़ते हैं. इसके अलावा, योगी आदित्यनाथ की पहल पर कोविड-19 महामारी के दौरान एक लाख से अधिक स्कूलों में पहले ही बदलाव हो चुका है. स्कूलों को रंगीन चित्रों और सार्थक स्लोगन से सजाया गया है. स्मार्ट कक्षाओं और पुस्तकालयों के लिए स्कूलों को सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Dharma According To Ramayana: रामायण के अनुसार धर्म क्या है? जानें इसकी खासियत
-
Principles Of Hinduism : क्या हैं हिंदू धर्म के सिद्धांत, 99% हिंदू हैं इससे अनजान
-
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया के दिन शुभ मुहूर्त में खरीदें सोना-चांदी, भग्योदय होने में नहीं लगेगा समय
-
Types Of Kaal Sarp Dosh: काल सर्प दोष क्या है? यहां जानें इसके प्रभाव और प्रकार के बारे में