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NCF: स्कूली शिक्षा में बड़ा बदलाव, यूनिफॉर्म से लेकर बोर्ड परीक्षाओं का चेंज होगा पैटर्न

NCF के तहत कई बदलाव किए गए हैं. यहां तक की कक्षा में बैठने के इंतजाम को भी बदला गया है.

Updated on: 24 Aug 2023, 04:24 PM

highlights

  • इस तरह के कई बड़े बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं
  • अब बच्चों के प्रदर्शन का नए पैमाने पर आकलन होगा
  • सेकेंडरी स्टेज को चार ग्रेड में बांटा गया है

नई दिल्ली:

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय पाठ्यचर्य की रूपरेखा (NCF-2023) लांच कर दी है. ये पाठ्यक्रम 36 साल से चल रही भारतीय शिक्षा प्रणाली को पूरी तरह से बदलने वाला है. इसे नई शिक्षा नीति (New Education Policy) 2020  के तहत केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने तैयार किया है. अब बच्चों के प्रदर्शन का नए पैमाने पर आकलन होगा. भारत में कक्षा 1 से 12वीं तक के बच्चे कैसे पढ़ेंगे, क्या सीखें, किस तरह से सीखेंगे, असेंबली की रूपरेख क्या होगी, बैग में किताबें किस तरह की होगी. छात्रों की प्रतिभा का किस तरह का मूल्यांकन होगा. इस तरह के कई बड़े बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं. 

12वीं में सेमेस्टर प्रणाली लागू करना अहम बदलाव

असेंबली से लेकर यून‍िफॉर्म में कई तरह के बदलाव होंगे. स्कूली शिक्षा में छात्रों को कई विषयों की पढ़ाई के साथ एक साल में दो बार बोर्ड की परीक्षा और 12वीं में सेमेस्टर प्रणाली लागू करना अहम बदलाव में माना जा रहा है. NCF के तहत कई बदलाव किए गए हैं. यहां तक की कक्षा में बैठने के इंतजाम को भी बदला गया है. स्कूलों में असेंबली, यूनिफॉर्म, भाषा और संस्कृति जैसे बदलाव को शामिल किया है. 

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स्थानीय मौसम के हिसाब से यूनिफॉर्म का विकल्प

उदाहरण के लिए कक्षाओं में सीटिंग अरेंजमेंट को गोलाकार आकार या अर्ध गोलाकार में रखने को कहा गया है. वहीं स्कूलों में होने वाली एसेंबली को टेक्न‍िकली बनाने का प्रयास होगा. यूनिफॉर्म के चेंज की बात करें तो स्कूलों में स्थानीय मौसम के हिसाब से पारंपरिक, आधुनिक या जेंडर न्यूट्रल यूनिफॉर्म का विकल्प दिया गया है. 

 छात्रों को 8-8 ग्रुप में कुल 16-16 पेपर देने होंगे

एनसीएफ के अनुसार, सेकेंडरी स्टेज को चार ग्रेड में बांटा गया है. इसमें छात्रों को कुल 16 विकल्प आधारित पाठ्यक्रमों को पूरा करना होगा. सेकेंडरी स्टेज को चार ग्रेड में 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं की कक्षा जोड़ी हैं. इस स्थिति में छात्रों को 8-8 ग्रुप में कुल 16-16 पेपर देने होंगे. 11वीं-12वीं के भाग को एक साथ रखा गया है. इसमें छात्रों को 8 विषयों में से हर ग्रुप के दो-दो विषय (16 विषय) दो साल के दौरान पढ़ने होंगे.