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मोदी कैबिनेट की पीएमश्री को मंजूरी, 14597 स्कूलों की बदलेगी सूरत

कैबिनेट मीटिंग को लेकर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और धर्मेंद्र प्रधान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. शिक्षा मंत्रालय की पीएम श्री योजना को मोदी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि दो सालों से राष्ट्रीय शिक्षा नीति ला

Updated on: 07 Sep 2022, 04:20 PM

नई दिल्ली:

कैबिनेट मीटिंग (Cabinet Meeting) को लेकर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) और केंद्रीय  मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharemendra Pradhan) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. शिक्षा मंत्रालय की पीएम श्री योजना को मोदी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि दो सालों से राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू है. भारतीय भाषा आधारित नीति लागू होगी. कैबिनेट में पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया के तहत पीएम श्री स्कूल बनाने की अनुमति दी गई है.

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धर्मेंद्र प्रधान ने आगे कहा कि 14597 स्कूलों की गुणवत्ता बढ़ाने पर 27369 करोड़ रुपये खर्च होंगे. सरकारी स्कूलों में बाल बाटिका की कल्पना है. एक ब्लॉक में दो स्कूल होंगे. ग्रामीण इलाकों में इस तरह के स्कूल होंगे. दुनिया की आवश्यकता को ध्यान में रखकर स्कूल बनाए जाएंगे. वोकेशनल शिक्षा दी जाएगी. 10 दिन बस्ताविहीन स्कूल होंगे और 20 लाख स्टूडेंट रहेंगे.

उन्होंने कहा कि एक पोर्टल के जरिए सभी स्टूडेंट्स का रिकॉर्ड रहेगा. पीएमश्री स्कूल को सीधे पैसे जाएंगे. स्कूल की जरूरत स्कूल ही तय करेगा. 40 प्रतिशत कुल धन निर्धारित होगा. इसे लेकर राज्यों के साथ चर्चा हुई है. इसी साल पहले बैच शुरू होगा. इस साल के बजट में प्रावधान है. 

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केजरीवाल की चिट्ठी पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कुछ लोग बयान को काम मान चुके हैं. हमने भी चिट्ठी पढ़ी है. चिट्ठी में लिखा है कि सरकारी स्कूल कबाड़खाना से भी ज्यादा खराब है, अभी सरकारी स्कूल के शिक्षकों को पुरस्कार मिला है. अगर स्कूलों को कबाड़खाना कहते हैं तो मैं खेद व्यक्त करता हूं. दिल्ली में अन्य राज्यों से खर्च अलग है, उनके स्कूलों में नामांकन काम हुआ है. वो लोग बोले थे कि 500 मॉडल स्कूल  बनाएंगे, लेकिन क्या हुआ? दिल्ली के सरकारी स्कूलों की स्थिति क्या है? 1602 का सर्वे हुआ, कई तरह के मानक थे, 4 मानकों में दिल्ली के स्कूल राष्ट्रीय स्तर से काफी पीछे हैं. 

दिल्ली के स्कूल चंड़ीगढ़ से भी पीछे हैं. जो लोग स्कूल खोल नहीं पाते, प्रिंसिपल नियुक्त नहीं कर पाते, वही सरकारी स्कूल को कबाड़खाना बोलते हैं.ऐसे बयान को हम गंभीरता से नहीं लेते. अनुराग ठाकुर ने कहा कि जो लोग शराबखाने में व्यस्त हैं वही स्कूल को कबाड़खाना बता रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में रेलवे के भूमि नियम में संशोधन किया गया है. इस नीति से रेलवे की जमीन का उपयोग सरल होगा. एक रुपये प्रति मीटर से भूमि मिलेगी.