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Birthday: Facebook के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने ऐसे बनाई दुनिया में अपनी पहचान

आज सोशल मीडिया के सबसे फेमस प्लेटफॉर्म फेसबुक (Facebook) के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) का जन्मदिन है. इनका जन्म आज ही के दिन 14 मई 1984 को अमेरिका के न्यूयॉर्क में हुआ था.

Updated on: 14 May 2020, 09:35 AM

नई दिल्ली:

आज सोशल मीडिया के सबसे फेमस प्लेटफॉर्म फेसबुक (Facebook) के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) का जन्मदिन है.  इनका जन्म आज ही के दिन 14 मई 1984 को अमेरिका के न्यूयॉर्क में हुआ था. फेसबुक के संस्थापक का पूरा नाम  मार्क इलिएट जुकरबर्ग है लेकिन पूरी दुनिया में वो मार्क जुकरबर्ग के नाम से ही जाने जातें. आज हम उनके जन्मदिन के मौके पर उनसे जुड़ी कई खास बातें जानेंगे.

आज फेसबुक पूरी दुनिया में लोगों की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है. खुद जुकरबर्ग ने नहीं सोचा होगा कि उनके द्वारा बनाई गई ये वेबसाइट इतनी प्रसिद्धी पा लेगी. फेसबुक बनने के पीछे कहानी बताई जाती है कि साल 2004 में हावर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान मार्क जुकरबर्ग ने अपने कुछ दोस्तों के साथ इस सोशल साइट की शुरुआत की थी. जिस समय इसे लॉन्च किया गया था तब उसका नाम 'द फेसबुक' था, जिसे बाद में फेसबुक कर दिया गया. वहीं फेसबुक मुख्यालय अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्थित है.

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यहां हम आपको बता दें कि फेसबुक से पहले जुकरबर्ग ने फेसमास नाम से एक वेबसाइट लॉन्च की थी. इसके जरिए उन्होंने बताया था कि यहां दो लोगों में से कौन कितना हॉट है, इसमें उन्होंने कुछ लड़के और लड़कियों की तस्वीरें डाली थी. हालांकि बाद में उन लोगों ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि ये उनकी प्राइवेसी का हनन है क्योंकि ये तस्वीरें उनके बिना इजाजत के डाली गई हैं. लेकिन कहा जाता है कि फेसमास ने ही मार्क जुकरबर्ग को फेसबुक बनाने का रास्ता दिखाया था.

वहीं साल 2004 के आखिर तक तरह फेसबुक के 1 मिलियन यूजर्स हो गए थे. फेसबुक के पॉपुलर होने के बाद कई निवेशकों ने इस पर निवेश किया. फेसबुक के संस्थापक और सीईओ मार्क जुकरबर्ग महज 23 साल की उम्र में ही अरबपति बन गए थे.

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पिता की किताब बनी ताकत

मार्क जुकरबर्ग को बचपन से तो कंप्‍यूटर में काफी शौक था. वह अक्‍सर अपना टाइम कंप्‍यूटर में प्रोग्रामिंग करते हुए बिताया करते थे. उसी दौरान उनके पिता ने उन्‍हें एक C++ की किताब दी. यही वह क्षण था जब मार्क जुकरबर्ग की किस्‍मत बदल गई. इसको पढ़ने के बाद मार्क का कंप्‍यूटर से और लगाव बढ़ गया. फिर वो प्रोग्रामिंग करने लगे और यहीं से उनके तरक्‍की की कहानी की शुरुआत होती है.