पढ़ाई है जरूरी, अब घर ही मिलेगी ऑडियो-वीडियो लाइब्रेरी

देशभर के छात्रों के लिए विशेष डिजिटल लाइब्रेरी तैयार की गई है. इस लाइब्रेरी की खासियत यह है कि अब इसमें पुस्तकों को पढ़ने के लिए ऑडियो, वीडियो और टेक्स्ट सभी विकल्प उपलब्ध कराए गए हैं.

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Sunil Mishra
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पढ़ाई है जरूरी, अब घर ही मिलेगी ऑडियो-वीडियो लाइब्रेरी( Photo Credit : orell.in)

देशभर के छात्रों के लिए विशेष डिजिटल लाइब्रेरी तैयार की गई है. इस लाइब्रेरी की खासियत यह है कि अब इसमें पुस्तकों को पढ़ने के लिए ऑडियो, वीडियो और टेक्स्ट सभी विकल्प उपलब्ध कराए गए हैं. इसमें विज्ञान, कानून, मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे विषय शामिल किए गए हैं. इनके अलावा विभिन्न स्कूली पाठ्यक्रमों से लेकर पोस्ट ग्रेजुएशन तक की पुस्तकें इस लाइब्रेरी में उपलब्ध हैं. मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा तैयार की गई इस 'नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी' में साढ़े चार करोड़ से अधिक पाठ्य संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं.

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केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, "यह एक लाइब्रेरी पूरे देश के छात्रों के लिए है. यह पोर्टल प्राइमरी से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट लेवल तक सभी विषयों को कवर करता है. उदाहरण के तौर पर इसमें विज्ञान, कानून, टेक्नोलॉजी आदि सभी विषय कवर किए गए हैं." केंद्रीय मंत्री निशंक ने इस पर अधिक जानकारी देते हुए कहा कि नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी में उपलब्ध कराए गए तथ्य ऑडियो- वीडियो और टेक्स्ट के रूप में भी उपलब्ध हैं.

सभी कक्षाओं एवं वर्गों के छात्रों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बनाई गई नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी में अभी तक 4 करोड़ 60 लाख पाठ्य संसाधन डिजिटाइजेशन के माध्यम से उपलब्ध कराए जा चुके हैं. इस डिजिटल लाइब्रेरी की एक बड़ी खासियत इसकी पाठ्य सामग्री की विविधता है. प्रत्येक राज्य के छात्र अपनी बोली भाषा में यहां पुस्तकों का अध्ययन कर सकते हैं.

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पीएचडी और एमफिल व अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्र भी लॉक डाउन से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं. हालांकि अब ऐसे छात्रों को हजारों जर्नल और लाखों पुस्तके ऑनलाइन उपलब्ध हो सकेंगी. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्वीकार किया कि शोध कर रहे छात्रों के लिए लाइब्रेरी आवश्यक है. लेकिन लॉक डाउन के दौरान यह संभव नहीं है. इसलिए अब उच्च शिक्षा हासिल कर रहे छात्रों को एक अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म शोध सिंधु के माध्यम से भी आनलाइन पुस्तके मुहैया कराई जा रहीं हैं. यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि शोध कर रहे छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शोध सामग्री मिल सके.

इसके जरिये मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा ई. प्लेटफार्म के माध्यम से छात्र को 10,000 राष्ट्रीय , अंतर्राष्ट्रीय जर्नल और 31 लाख 35 हजार पुस्तकों उपलब्ध कराई गई हैं.

Source : IANS

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