Mathematics Day: हर साल 22 दिसंबर को भारत में राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है. यह दिन भारत के महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन को समर्पित है, जिन्हें "गणित के जादूगर" के नाम से भी जाना जाता है. रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर 1887 को तमिलनाडु के इरोड में हुआ था. उनकी प्रतिभा और गणित के प्रति लगाव ने न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में उन्हें प्रसिद्धि दिलाई.
श्रीनिवास रामानुजन की प्रेरणादायक यात्रा
रामानुजन की गणितीय यात्रा बेहद अद्भुत थी. उन्होंने वर्ष 1911 में इंडियन मैथमैटिकल सोसाइटी के जर्नल में अपना पहला आर्टिकल जारी किया.साल 1913 में उनकी प्रतिभा ने ब्रिटिश गणितज्ञ गॉडफ्रे एच. हार्डी का ध्यान आकर्षित किया. इसके बाद उन्होंने हार्डी के साथ पत्र-व्यवहार शुरू किया और ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज चले गए.
वर्ष 1918 में श्रीनिवास रामानुजन ब्रिटिश रॉयल सोसाइटी के सदस्य चुने गए. खास बात यह है कि वे इस सोसाइटी के सबसे कम उम्र के सदस्यों में से एक थे. इसके अलावा, वे ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज के फेलो बनने वाले पहले भारतीय भी बने. उनकी उपलब्धियां गणित के क्षेत्र में मील का पत्थर मानी जाती हैं.
राष्ट्रीय गणित दिवस का महत्व
भारत सरकार ने वर्ष 2012 में रामानुजन की जयंती को राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की. तब से हर साल यह दिन गणित के महत्व को समझाने और युवाओं को गणित के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है. रामानुजन ने कई गणितीय खोजें कीं. इनमें 1729 नंबर के बारे बताया है. इसे हार्डी-रामानुजन नंबर के रूप में जाना जाता है. यह वह सबसे छोटा संख्या है, जिसे दो अलग-अलग तरीकों से दो घन संख्याओं के योग के रूप में लिखा जा सकता है.
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