मध्य प्रदेश से एक ऐसा मामले सामने आया है, जिसके बारे में जानने के बाद भी आप यकीन कर पाएंगे. जैसे मध्य प्रदेश पर्यटन का एक विज्ञापन है, 'एमपी अजब है सबसे गजब' तो ये लाइन भी इस वाले मामले में फिट बैठती है. दरअसल, प्रदेश की एक सरकारी भर्ती परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन का प्रोसेस के तहत एक कैंडिडेट का 100 अंक में से 106.66 नंबर मिल गए हैं. इस रिजल्ट के बाद बेरोजगार युवकों ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है और अपनी गुस्सा जाहिर की है.
बेरोजगार युवकों ने लगाए गंभीर आरोप
इस मामले को लेकर युवकों के द्वारा इंदौर में प्रदर्शन किया गया. युवाओं ने भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है. उनका मांग है कि इस भर्ती परीक्षा में धांधली हुई है. जानकारी के मुताबिक, कुछ बेरोजगार युवकों के द्वारा डीएम ऑफिस के सामने जमा हुए थे. उन्होंने सीएम मोहन यादव को संबोधित एक ज्ञापन ऑफिसर को सौंपा.
कब आया था रिजल्ट
ज्ञापन में लिखा गया है कि जेल के विभागों में संयुक्त भर्ती परीक्षा 2023 में फर्जीवाड़ा किया गया है. इस एग्जाम में एक कैंडिडेट को 100 में से 106.66 अंक हासिल किए और वो कैंडिडेट इस सेलेक्शन लिस्ट में टॉपर था. बता दें कि परीणाम भोपाल स्थित मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल के द्वारा 13 दिसंबर को आउट किया गया.
इतिहास में हुआ पहली बार
इस रिजल्ट के दौरान कर्मचारियों के द्वारा स्पष्ट किया गया कि इस भर्ती परीक्षा में नियमानुसार नॉर्मलाइजेशन के प्रोसेस के थ्रू हुई है. जिसके कारण कैंडिडेट को पूर्णांक 100 से ज्यादा नंबर और शून्य से लेस मिल सकते हैं. प्रदर्शनकारियों के बीच में से एक शख्स ने बताया कि परीक्षा में कैंडिडेट का 100 अंकों के पेपर में से 101.66 कैसे आ सकता है?
क्या ऐसा हो सकता है?
ये अपने आप में सोचना वाला है. युवक ने आगे कहा कि प्रदेश के इतिहास में पहली बार हुआ है. वहीं, युवकों को द्वारा दिए ज्ञापन में ये भी आरोप लगाया है कि दोनों टॉपर एक ही जिला सतना से संबंध रखते हैं. युवकों की एक ही मांग है कि इसकी जांच की जाए क्योंकि इसमें धांधली हुई है. वहीं, भोपाल और ग्वालियर सेंटर से युवाओं ने अपनी आवाज उठाई है.
ये भी पढ़ें- NTA से छीनी गई भर्ती परीक्षा की जिम्मेदारी, अब सिर्फ एंट्रेंस एग्जाम कराएगी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी