logo-image

NHAI में बंपर वैकेंसी लाने की तैयारी, जल्द शुरू हो सकती है प्रक्रिया

समिति ने मंत्रालय से एनएचएआई की इस गंभीर स्थिति पर विचार कर बुनियादी मुद्दों का जल्द से जल्द समाधान करने और भविष्य में खाली होने वाले पदों का पहले से ही आकलन कर तैयारी शुरू कर देने की सिफारिश की है.

Updated on: 04 Feb 2022, 11:34 AM

highlights

  • संसदीय स्थायी समिति ने एनएचएआई में खाली पदों को लेकर चिंता जाहिर की
  • कुल स्वीकृत संख्या 1882 कर्मचारियों के मुकाबले एनएचएआई में सिर्फ 1189 कार्यरत
  • मंत्रालय से इन खाली पड़ी रिक्तियों को जल्द से जल्द भरने की सिफारिश की 

 

दिल्ली:

NHAI vacant Post : देश भर में चल रही विभिन्न सड़क परियोजनाओं को समय पर पूरा करने की सिफारिश करते हुए परिवहन, पर्यटन और संस्कृति संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने एनएचएआई में खाली पदों को लेकर चिंता जाहिर की है. संसदीय समिति ने 30 अगस्त 2021 को नियमित अधिकारियों और प्रतिनियुक्त दोनों की कुल स्वीकृत संख्या 1882 कर्मचारियों के मुकाबले एनएचएआई में केवल 1189 कर्मचारियों के ही कार्य करने की स्थिति को चिंताजनक बताते हुए मंत्रालय से इन खाली पड़ी रिक्तियों को जल्द से जल्द भरने की सिफारिश की है.

यह भी पढ़ें : UPSC ने सिविल सेवा परीक्षा के लिए अधिसूचना जारी की, इस तरह से जांचे 

समिति ने महाप्रबंधक, उप महाप्रबंधक, प्रबंधक और उप प्रबंधक स्तर पर बड़ी संख्या में खाली पदों को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि जब इतनी बड़ी संख्या में वरिष्ठ पद लंबे समय से खाली है तो एनएचएआई से यह उम्मीद कैसे की जा सकती है कि वो प्रभावी तरीके से अपना काम पूरा करे. समिति ने मंत्रालय से एनएचएआई की इस गंभीर स्थिति पर विचार कर बुनियादी मुद्दों का जल्द से जल्द समाधान करने और भविष्य में खाली होने वाले पदों का पहले से ही आकलन कर तैयारी शुरू कर देने की सिफारिश की है.
इसके साथ ही समिति ने समुचित अनुभव और विशेषज्ञता वाले अधिकारियों को ही अपेक्षित आकलन के बाद उच्च स्तरीय पदों की जिम्मेदारी देने की सिफारिश की है. समिति ने देश भर में विभिन्न सड़क परियोजनाओं को पूरा करने में देरी के पीछे विभिन्न कारणों का संज्ञान लेते हुए मंत्रालय से सिफारिश की है कि कोरोना महामारी की वजह से हुई देरी को छोड़कर अन्य कारणों की वजह से हुई देरी पर गंभीरता से विचार करते हुए कदम उठाए जाए. 

समिति ने चारधाम परियोजनाओं के तहत बची हुई शेष परियोजनाओं को दिसंबर 2024 तक पूरा कर लेने की उम्मीद जताते हुए सिफारिश की है कि मंत्रालय को इसकी योजना इस तरह से बनानी चाहिए कि इसका पर्यावरण विशेष रूप से संवेदनशील पहाड़ी क्षेत्रों में कम से कम प्रभाव पड़े क्योंकि ऐसा करने से अदालती मुकदमों और एनजीटी में याचिकाओं के कारण होने वाली देरी को कम करने में मदद मिलेगी. समिति ने वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में भी सड़क परियोजनाओं को समय पर पूरा करने पर विशेष ध्यान देने की सिफारिश की है.  समिति ने सबसे कम बोली लगाने वाले को सड़क बनाने का ठेका देने के मौजूदा तंत्र पर सभी पक्षों के साथ विचार विमर्श कर एक ऐसा तंत्र बनाने को भी कहा है जिसमें सड़क निर्माण की गुणवत्ता का भी ध्यान रखा जा सके. समिति ने पीयूसी केंद्रों पर वीडियो रिकॉर्डिग करने की भी सिफारिश की है ताकि गलत तरीके से वाहनों को प्रदूषण प्रशिक्षण में पास करने पर लगाम लग सके.