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यूनिवर्सिटीज में अब दाखिले के समय होगा एप्टीट्यूड टेस्ट

छात्रों को आसमान छूती कटऑफ अंक आधारित एडमिशन व्यवस्था से छुटकारा दिलाने के लिए सरकार अगले साल से देश के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज (यूजी) में दाखिले के लिए कॉमन एंट्रेंस्ट टेस्ट को लागू कर सकती है.

Updated on: 26 Dec 2020, 11:43 AM

नई दिल्ली:

छात्रों को आसमान छूती कटऑफ अंक आधारित एडमिशन व्यवस्था से छुटकारा दिलाने के लिए सरकार अगले साल से देश के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज (यूजी) में दाखिले के लिए कॉमन एंट्रेंस्ट टेस्ट को लागू कर सकती है. सरकार ने इसकी तैयारी कर ली है.

सरकार ने एप्टीट्यूड टेस्ट का प्रारूप तैयार करने को लेकर एक कमेटी गठित की है. 7 सदस्यीय कमेटी एंट्रेंस टेस्ट का स्तर और पैटर्न तय करेगी जिसे शैक्षणिक सत्र 2021-22 से लागू किया जाएगा. फिलहाल कॉलेजों में एडमिशन के लिए 12वीं के कट ऑफ मार्क्स को आधार माना जाएगा.

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कंप्यूटर बेस्ड कॉमन एंट्रेंस एग्जाम का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) करेगी. सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के यूजी कोर्स में दाखिले के लिए यह टेस्ट अनिवार्य होगा. उच्च शिक्षा विभाग के सचिव अमित खरे ने कहा, इसे केंदीय विश्वविद्यालयों के लिए 2021-2022 सत्र से लागू किया जाना है.

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एग्जाम में एक जनरल टेस्ट होगा और एक विषय विशेष टेस्ट होगा. जनरल टेस्ट के जरिए अभ्यर्थी के एप्टीट्यूड की परख होगी जिसमें उससे वर्बल, क्वांटिटेटिव, लॉजिक व रीजनिंग से जुड़े प्रश्न पूछे जाएंगे. सभी के लिए एप्टीट्यूड टेस्ट अनिवार्य होगा जबकि सब्जेक्ट टेस्ट में वह अपना विषय खुद चुन सकेंगे.