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CBSE और ICSE की 12वीं परीक्षा को लेकर SC में सुनवाई टली

CBSE और ICSE की 12वीं परीक्षा रद्द करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने माना कि दोनों बोर्ड की ओर से अंक देने की वैकल्पिक स्कीम को मंजूरी देने से पहले इन याचिकाओं में स्कीम को लेकर उठाई गई आपतियों पर विचार करने की ज़रूरत है.

Updated on: 21 Jun 2021, 12:14 PM

highlights

  • सुप्रीम कोर्ट में परीक्षा रद्द करने के लेकर दायर हुई थी याचिका
  • कोरोना के कारण पीएम मोदी ने रद्द कर दी थी परीक्षा

नई दिल्ली:

CBSE और ICSE बोर्ड द्वारा 12वीं की परीक्षा रद्द किए जाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने टाल दी है. कोर्ट ने माना कि दोनों बोर्ड की ओर से अंक देने की वैकल्पिक स्कीम को मंजूरी देने से पहले इन याचिकाओं में स्कीम को लेकर उठाई गई आपत्तियों पर विचार करने की जरूरत है. इसके साथ ही कोर्ट CBSE 12वीं की कम्पार्टमेंट/प्राइवेट एग्जाम रद्द करने की 1152 छात्रों की मांग पर भी कल विचार करेगा. CBSE और ICSE बोर्ड द्वारा 12वीं की परीक्षा रद्द किए जाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने टाल दी है. 

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कोर्ट ने माना कि दोनों बोर्ड की ओर से अंक देने की वैकल्पिक स्कीम को मंजूरी देने से पहले इन याचिकाओं में स्कीम को लेकर उठाई गई आपतियों पर विचार करने की जरूरत है. इसके साथ ही कोर्ट CBSE 12वीं की कम्पार्टमेंट/प्राइवेट एग्जाम रद्द करने की 1152 छात्रों की मांग पर भी कल विचार करेगा. सुप्रीम कोर्ट में सीबीएसई और सीआईसीएसई परीक्षाओं के लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायधीशों, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविल्कर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की खण्डपीठ ने कहा कि दोनों ही बोर्ड के क्राइटेरिया एक समान होने चाहिए और रिजल्ट की घोषणा एक साथ होनी चाहिए.

कोर्ट में सीबीएसई कंपार्टमेंट परीक्षाओं को रद्द किये जाने की मांग वाली 1152 छात्रों की याचिका पर सुनवाई को अगली सुनवाई तक के लिए टाल दिया गया है. बता दें कि सीबीएसई ने 12वीं के स्टूडेंट्स की मार्किंग स्कीम तय करने के लिए 4 जून को एक 13 सदस्यीय कमेटी बनाई थी. इन पैनल को 10 दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए थे. वहीं पैनल द्वारा छात्रों के मूल्यांकन मानदंड को लेकर गहन मंथन किया गया है. सूत्रों की मानें तो पैनल 12वीं के छात्रों के मूल्यांकन मानदंड की सिफारिश के लिए 30:30: 40 फॉर्मूले के पक्ष में है. इसका मतलब है कि 10वीं और 11वीं के फाइनल रिजल्ट को 30 प्रतिशत वेटेज दिया जाए और 12वीं के प्री बोर्ड एग्जाम को 40 प्रतिशत वेटेज दिया जाए.

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यदि सुप्रीम कोर्ट सीबीएसई द्वारा बताए गए इवैल्यूएशन क्राइटेरिया को मंजूरी दे देता है तो इसे लागू कर दिया जाएगा. इसके बाद जल्द ही 12वीं के परिणाम जारी किए जाने की तारीख भी घोषित कर दी जाएगी. बता दें कि 1 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा रद्द कर दी गई थी. सीबीएसई की परीक्षा रद्द होने के बाद कई राज्यों ने भी अपनी बोर्ड परीक्षा कैंसल कर दी थी.