बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में नई शिक्षा नीति 2020 को लागू करते हुए परीक्षा प्रणाली में बदलाव किए गए हैं. अब सेमेस्टर परीक्षाएं तीन घंटे के बजाय ढाई घंटे की होंगी. इसके अलावा, महीने भर तक चलने वाली परीक्षाओं का समय सीमित कर दिया गया है. परीक्षाएं अब ज्यादा से ज्यादा 15 दिन से तीन सप्ताह के अंदर खत्म कर दिया जाएगा.
परीक्षा सुधारों की दिशा में कदम
मार्च 2024 में, बीएचयू में परीक्षा सुधार को लेकर एक समिति का गठन किया गया था. इस समिति की अध्यक्षता प्रोफेसर राकेश पांडेय ने की. महीनों की चर्चा और बैठकों के बाद, समिति ने नई शिक्षा नीति के तहत परीक्षा प्रणाली में बदलाव के कई प्रस्ताव तैयार किए. 3 जनवरी 2025 को हुई एकेडमिक काउंसिल की बैठक में इन बदलावों को मंजूरी दी गई है. पहले परीक्षा को केवल छह दिनों में समाप्त करने का सुझाव दिया गया था, लेकिन यह छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर दबाव डाल सकता था, इसलिए समय सीमा को 15 दिन या अधिक से अधिक तीन सप्ताह तक बढ़ा दिया गया.
परिणामों की समय सीमा तय
फाइनल परीक्षा समाप्त होने के 14 दिनों के अंदर सभी छात्रों के मार्क्स परीक्षा विभाग को देना होगा. दो सप्ताह के अंदर रिजल्ट जारी करने का निर्देश दिया गया है.
परीक्षा की डेटशीट तय संबंधित संकाय प्रमुख करेंगे.
परीक्षा में सामूहिक सहयोग
आर्ट्स और सोशल साइंस स्ट्रीम में कई विषय एक जैसे हैं. ऐसे विषयों के लिए एक ही प्रश्नपत्र तैयार किया जाएगा और दोनों संकाय इसे शेयर करेंगे. इससे परीक्षा प्रक्रिया आसान हो सकेगी.
ग्रेस मार्क्स की व्यवस्था खत्म
नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को ग्रेस मार्क्स देने की व्यवस्था खत्म कर दी गई है. यह इसलिए किया गया है क्योंकि अब छात्रों को कोर्स बीच में छोड़ने और दोबारा शुरू करने का ऑप्शन मिलता है. ऐसे में ग्रेस मार्क्स की जरूरत नहीं मानी गई.
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