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जीडीपी दर 7.2 फीसदी रहने का अनुमान, पिछले वर्ष 6.7 फीसदी की थी रफ्तार

वित्त वर्ष 2018-19 में देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की रफ्तार बढ़कर 7.2 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में इसकी रफ्तार 6.7 फीसदी थी. आधिकारिक आंकड़ों से सोमवार को यह जानकारी मिली.

Updated on: 07 Jan 2019, 07:22 PM

नई दिल्ली:

वित्त वर्ष 2018-19 में देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की रफ्तार बढ़कर 7.2 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में इसकी रफ्तार 6.7 फीसदी थी. आधिकारिक आंकड़ों से सोमवार को यह जानकारी मिली. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने यह अनुमान लगाया है. इससे पिछले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रही थी. सीएसओ ने सोमवार को कहा कि कृषि और विनिर्माण क्षेत्र के प्रदर्शन में सुधार से चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष की तुलना में बेहतर रहने का अनुमान है.

सीएसओ ने 2018-19 के राष्ट्रीय आय का पहला अग्रिम अनुमान जारी करते हुए कहा, '2018-19 में जीडीपी की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो 2017-18 में 6.7 प्रतिशत रही थी.'

इसमें कहा गया है कि वास्तविक सकल मूल्य वर्द्धन (जीवीए) चालू वित्त वर्ष में 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो 2017-18 में 6.5 प्रतिशत रहा था. सीएसओ के आंकड़ों के अनुसार कृषि, वन और मत्स्यपालन जैसी गतिविधियों की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 3.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 3.4 प्रतिशत रही थी.

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वहीं विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 2017-18 के 5.7 प्रतिशत से 2018-19 में 8.3 प्रतिशत पर पहुंचने का अनुमान है.