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रविवार को पीएम मोदी की समीक्षा बैठक, श्रम मंत्री ने कहा बेरोज़गारी की दर में आई कमी

विपक्ष और दूसरे आंकड़े भले ही दूसरी तस्वीर पेश कर रहे हों, लेकिन केंद्रीय श्रममंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा है कि देश में बेरोजगारी की दर में कमी आ रही है।

Updated on: 17 Jun 2017, 10:55 PM

नई दिल्ली:

विपक्ष और दूसरे आंकड़े भले ही दूसरी तस्वीर पेश कर रहे हों, लेकिन केंद्रीय श्रममंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा है कि देश में बेरोजगारी की दर में कमी आ रही है। उनका ये बयान उस समय आया है जब रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में रोज़गार के अवसरों की समीक्षा करेंगे।

श्रम मंत्री का बयान ऐसे समय में आया है, जब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार 'बेरोजगारी वाले विकास' को बढ़ावा देने के लिए विपक्ष और संस्थाओं की आलोचना का सामना कर रही है।

श्रम ब्यूरो की तिमाही सर्वेक्षण से पता चला है कि साल 2015 में एक तिमाही में कुछ क्षेत्रों में केवल 1,35,000 नौकरियां ही पैदा हुई थीं।

मई महीने में श्रम मंत्री बंडारु दत्तात्रेय ने कहा था कि आर्थिक विकास तो बढ़ रहा है लेकिन उससे रोज़गार के अवसर नहीं पैदा हो रहे हैं।

श्रम ब्यूरो ने एक और सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत में बेरोजगारी पिछले पांच साल के उच्चतम स्तर पर है। जो 15 साल या इससे ऊपर के कार्यबल का यह 5 फीसदी है।

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दत्तात्रेय ने कहा कि मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया और डिजिटल इंडिया मिशन सहित सरकार द्वारा शुरू किए गए कई प्रयासों के जरिए रोजगार तैयार किया जा रहा है। समस्या इनके आंकड़ों को इकट्ठा करने की थी।

प्रधानमंत्री की समीक्षा बैठक का उद्देश्य है एक नीतीगत खाका तैयार किया जाए ताकि आर्थिक विकास की दर के अनुपात में रोज़गार के अवसर नहीं पैदा हो रहे हैं जैसे आरोपों का जवाब दिया जा सके।

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मोदी सरकार इस समीक्षा के माध्यम से रौज़गार के अवसरों को लेकर एक डेटा बैंक तैयार किया सका जा सके।

2014 के चुनावों के दौरान बीजेपी ने कहा था कि उनकी सरकार बनने के बाद युवाओं के लिये रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही समीक्षा के माध्यम से सरकार बेरोज़गारी की समस्या को दूर कर सके।

दत्तात्रेय ने कहा, 'डेटा को और अधिक सटीक रूप से प्राप्त करने के लिए, हमें इसे कुछ नई पहल करने की जरूरत है।'

पर्याप्त नौकरियां पैदा नहीं करने को लेकर हो रही आलोचना के बाद सरकार ने मई में एक कार्यबल का गठन किया जो घर-घर किए गए सर्वेक्षण के आधार पर देशभर में रोजगार का सालाना आंकड़ा पेश करेगी।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया की अध्यक्षता में गठित कार्यबल में श्रम सचिव एम. सत्यवती भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि श्रम ब्यूरो की त्रैमासिक रिपोर्ट में सही तरीके से रोजगार का आंकड़ा नहीं मिला, क्योंकि 'नमूना आकार' काफी छोटा था।

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उन्होंने कहा, 'श्रम ब्यूरो उद्योग आधारित सर्वेक्षण करती है, जिसमें केवल 8 क्षेत्रों के 10,600 उद्यम से आंकड़े लिए जाते हैं।'

सरकार के सूत्रों का कहना है कि नीति आयोग के उप अध्यक्ष अरविंद पानागढ़िया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रोज़गार की स्थिति पर प्रेजेंटेशन देंगे। पानागढ़िया रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराने को लेकर गठित टास्क फोर्स के अध्यक्ष भी हैं।

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