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4 लाख कंपनियों का रजिस्ट्रेशन होगा रद्द, रिटर्न न भरने पर आयकर विभाग सख़्त

आयकर विभाग अब उन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की योजना बना रहा है जिन्होंने रिटर्न नहीं भरा है। अब तक ऐसी 4 लाख कंपनियों को आयकर विभाग नोटिस भेज चुका है जिन्होंने वित्त वर्ष 2013-14 और 2014-15 का आयकर रिटर्न नहीं भरा है।

Updated on: 18 Apr 2017, 09:10 AM

नई दिल्ली:

आयकर विभाग अब उन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की योजना बना रहा है जिन्होंने रिटर्न नहीं भरा है। अब तक ऐसी 4 लाख कंपनियों को आयकर विभाग नोटिस भेज चुका है जिन्होंने वित्त वर्ष 2013-14 और 2014-15 का आयकर रिटर्न नहीं भरा है। 

करीब एक महीने से आयकर विभाग ऐसी कंपनियों को नोटिस भेज रहा है। इन कंपनियों ने वित्त वर्ष 2015-16 के लिए भी आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है। हालांकि आयकर विभाग ने अभी भी इन कंपनियों को एक अंतिम मौका दे रहा है।

आयकर विभाग इन कंपनियों को रिटर्न दाखिल करने के लिए 30 दिन की मोहलत दे रहा है। अगर यह कंपनियां इस दौरान भी रिटर्न दाखिल नहीं करती हैं तो इनकम टैक्स विभाग इन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की तैयारी में है।

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इसी के साथ कंपनी मामलों का मंत्रालय ऐसा न करने वाली कंपनियों से संबंधित जानकारी भी सार्वजनिक कर देगा। इसके अलावा मंत्रालय ऐसी कंपनियों के डायरेक्टर्स के नाम और कंपनी से जुड़ी अन्य जानकारियां भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया और बैंकों को दे देगा।

हालांकि कंपनी अधिनियम अभी भी कंपनियों को "निष्क्रिय" टैग का विकल्प चुनने का अवसर मुहैया कराता है लेकिन बहुत कम कंपनियां इस विकल्प का चुनाव करती है। मार्च 2015 में वित्त वर्ष समाप्ति पर 14.6 लाख कंपनियों में से 10.2 लाख कंपनियों को एक्टिव घोषित किया गया था।

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जबकि कुल 214 कंपनियां निष्क्रिय घोषित किया गया था। सूत्रों के मुताबिक नाम रद्द करने की धमकी मात्र से ही कई कंपनियों ने आयकर रिटर्न दाखिल करना शुरु कर दिया है। 

कंपनी मामलों के मंत्रालय से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि 'हम नहीं जानते कि ऐसी कंपनियां सच में कारोबार कर रही हैं या फिर बस पेपर पर चल रही हैं। पहले हमें उनकी स्थिति की जांच करनी होगी।'

आयकर रिटर्न दाखिल न करने वाली करीब 11 लाख भारतीय शेल कंपनिया आईटी विभाग की रडार पर हैं।

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