logo-image

2017-18 के लिए तय सीमा के पार गया देश का राजकोषीय घाटा

वित्त वर्ष 2017-18 के पहले आठ महीनों में ही राजकोषीय घाटा देश के सालाना बजटीय लक्ष्य का 112 फीसदी हो चुका है, जो कि 6.12 लाख करोड़ रुपये है।

Updated on: 29 Dec 2017, 05:53 PM

highlights

  • 2017-18 के पहले आठ महीनों में ही राजकोषीय घाटा देश के सालाना बजटीय लक्ष्य का 112 फीसदी हो चुका है
  • पूरे साल का लक्ष्य 5.46 लाख करोड़ रुपये रखा गया था

नई दिल्ली:

वित्त वर्ष 2017-18 के पहले आठ महीनों में ही राजकोषीय घाटा देश के सालाना बजटीय लक्ष्य का 112 फीसदी हो चुका है, जो कि 6.12 लाख करोड़ रुपये है। जबकि पूरे साल का लक्ष्य 5.46 लाख करोड़ रुपये रखा गया था। 

महालेखा नियंत्रक (सीजीए) द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल-नवंबर की अवधि में राजकोषीय घाटा बजटीय लक्ष्य का 85.8 फीसदी था।

सीजीए के आंकड़ों के मुताबिक, समीक्षाधीन अवधि में कर राजस्व कुल 6.99 करोड़ रुपये इकट्ठा किया गया, जो चालू वित्त वर्ष के बजटीय लक्ष्य का 54.2 फीसदी है।

आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल-नवंबर की अवधि में कुल सरकारी व्यय 14.78 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो कि समूचे वित्त वर्ष के अनुमान का 68.9 फीसदी है।

वित्त वर्ष 2017-18 में राजकोषीय घाटा (राजस्व और सरकारी व्यय का अंतर) का 5.46 लाख करोड़ रुपये का अनुमान लगाया गया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 5.34 लाख करोड़ रुपये था।

और पढ़ें: कारोबारियों को सरकार से बड़ी राहत, जीएसटीआर-1 फाइल करने की तारीख आगे बढ़ी