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फिर मुश्किल में केजरीवाल, आयकर विभाग ने आप को 31 करोड़ रुपये चुकाने का दिया आदेश

दिल्ली की सत्तारुढ़ पार्टी आम आदमी पार्टी को इनकम टैक्स विभाग ने 30.67 करोड़ रुपये टैक्स चुकाने का आदेश दिया है।

Updated on: 27 Nov 2017, 02:46 PM

highlights

  • अरविंद केजरीवाल सरकार की नई मुसीबत 
  • आयकर विभाग ने थमाया करीब 31 करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस
  • पार्टी की 13.16 करोड़ की अघोषित रकम को माना कालाधन

 

नई दिल्ली:

दिल्ली की सत्तारुढ़ पार्टी आम आदमी पार्टी की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। अब ताज़ा मामला कर भुगतान का है। आम आदमी पार्टी (आप) को इनकम टैक्स विभाग ने 30.67 करोड़ रुपये टैक्स चुकाने का आदेश दिया है।

आम आदमी पार्टी के खिलाफ अब तक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई है। आयकर विभाग के मुताबिक पार्टी ने चंदे में मिली 13 करोड़ 16 लाख रुपये की रकम की जानकारी नहीं दी।

आयकर विभाग ने इस अघोषित आय (13.16 करोड़ रुपये) के चंदे को ब्लैक मनी मानते हुए करीब 31 करोड़ रुपये का टैक्स जुर्माना लगाया है। 

आयकर विभाग ने कुल बकाया टैक्स की रकम 68.44 करोड़ रुपये आंकी है। आयकर विभाग ने आदेश पारित कर कहा है कि पार्टी के बैंक खाते में बतौर चंदा मिले धन को खातों की पुस्तक (बुक ऑफ एकाउंट्स) में दर्ज नहीं किया गया था।

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आयकर विभाग का कहना है कि आप ने बैंक खातों में प्राप्त 13.16 करोड़ रुपये की घोषणा अपने खातों में नहीं की है।

साथ ही विभाग ने आरोप लगाते हुए कहा है कि आप ने अपने करीब 461 दानदाताओं की पूर्ण जानकारी रिकॉर्ड में नहीं रखी है जिन्होंने बतौर चंदा कुल 6.26 करोड़ रुपये दान दिए, जोकि डिक्लेरेशन मुक्त 20,000 रुपये प्रति दान की सीमा से ज़्यादा है।

विभाग का कहना है कि जांच के दौरान पाया गया कि आप ने अपनी वेबसाइट पर 36.95 करोड़ रुपये के चंदे की जानकारी नहीं उपलब्ध कराई थी।

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आदेश के अनुसार आप को वित्त-वर्ष 2015-16 के लिए आयकर विभाग से छूट नहीं मिलेगी। जैसा कि राजनीतिक पार्टियां शर्तों के अधीन कर छूट की हकदार हैं। इसी के साथ इनकम टैक्स विभाग ने आप के खिलाफ जुर्माना लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

आयकर विभाग ने बताया कि आम आदमी पार्टी के इस हेराफेरी की जानकारी चुनाव आयोग को भी दी है। इस हेरफेर के चलते चुनाव आयोग आम आदमी पार्टी की मान्यता तक रद्द कर सकता है।  

आयकर विभाग के आदेश पर आप आदमी पार्टी ने इसे अभूतपर्व बताया है। 

पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दीपक बाजपेयी ने कहा, 'पार्टी ने बयान जारी कर कहा है, 'अभूतपूर्व। पहली बार प्रत्येक दान, यहां तक ​​कि 10 रुपये के रूप में कम, को कर योग्य घोषित किया गया है। यह एक निंदनीय अधिनियम है और लोग अच्छी तरह जानते हैं कि हमें क्यों निशाना बनाया जा रहा हैं।'

उन्होंने कहा, 'इस आदेश के योग्यता की जांच करना अनुचित होगा जो हमें दो दिन पहले ही मिला है। यह फर्जी है। सरकार ने विपक्षी पार्टियों को बदनाम करने के लिए एक संस्था बनाई है और यह उसी का हिस्सा है।'

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