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Bihar: पुलिस कस्टडी में दो की मौत, हथौड़े से कूच दिए गए थे नाखून

इस मामले में मृतकों के परिवार वालों से मिलकर FIR दर्ज की गई है और ड्यूटी पर रहे पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया.

Updated on: 12 Mar 2019, 12:47 PM

सितामढ़ी:

बिहार के पूर्वी चंपारण के रहने वाले दो लोगों की पुलिस हिरासत में हुई मौत के बाद पुलिस विभाग में हडकंप मच गया. 7 मार्च को पुलिस ने तसलीम अंसारी और गुफरान आलम नाम के दो व्यक्तियों को चोरी और हत्या के आरोप में हिरासत में लिया. जिसके बाद दोनों के मरने की खबर सामने आई. सवाल ये है कि बिहार पुलिस ने हिरासत में लिए लोगों को कैसे टार्चर किया कि उनकी जान चली गई. सवाल ये भी उठता है कि क्या इस मामले में दोषियों को सजा मिलेगी.

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सवाल उठना लाजमी इसलिए है क्योंकि मृतकों के अंतिम संस्कार से पहले खीचे गए फोटो और वीडियो में पुलिस की बर्बरता साफ दिखाई देती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनके नाखूनों पर हथौड़े से मार किए जाने के निशान पाए गए. लेकिन क्या पुलिस को किसी को भी टार्चर करने का हक है, और अगर है तो ये किसने दिया? मामले के सामने आते ही पुलिस विभाग भी हरकत में आ गया. इस मामले में मृतकों के परिवार वालों से मिलकर FIR दर्ज की गई है और ड्यूटी पर रहे पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया.

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बिहार के DGP गुप्तेश्वर पांडेय ने मामले के संज्ञान में आते ही बयान दिया कि हिरासत में इस तरह की घटनाओं को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं किया जाएगा. DGP ने आगे बताया कि हमने डूमरा पुलिस स्टेशन के ऑफिसर इन चार्ज सहित पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है और उन पर आगे डिपार्टमेंटल कार्यवाही की जाएगी.

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बता दें कि 30 वर्षीय गुफरान आलम और 32 वर्षीय तसलीम अंसारी को रामदीहा गांव से मुजफ्फरपुर के रहने वाले राकेश कुमार की हत्या और मोटरसाइकल की चोरी के जुर्म में गिरफ्तार किया गया था. तसलीम के उपर पूर्वी चंपारण और सीतामढ़ी पुलिस स्टेशन में चार मामले पहले से दर्ज थे जबकि गुफरान का कोई क्रिमिनल रिकार्ड नहीं था. पुलिस डिपार्टमेंट मामले के सामने आने के बाद कार्रवाई की बात तो कर रही है लेकिन FIR में किसी भी पुलिस वाले का नाम नहीं दर्ज किया गया है.