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नरसिंहानंद पर हमला करने आए थे अज्ञात हमलावार, मंदिर में सो रहे नरेश आनंद को किया घायल

गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र के डासना देवी मंदिर सुबह करीब 4:00 बजे में यति नरसिंहानंद सरस्वती पर हमला करने आए युवकों ने मंदिर परिसर में सो रहे बिहार समस्तीपुर के रहने वाले नरेश आनंद पर धारदार हथियार से हमला कर दिया.

Updated on: 10 Aug 2021, 09:27 AM

highlights

  • डासना देवी मंदिर में सुबह करीब 4:00 बजे हुआ हमला
  • नरेश आनंद को नित्यानंद समझ हमलावरों ने चाकू से गोदा
  • आनन-फानन में नजदीकी निजी अस्पताल में किया गया भर्ती

नई दिल्ली:

गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र के डासना देवी मंदिर में सुबह करीब 4:00 बजे यति नरसिंहानंद सरस्वती पर हमला करने आए युवकों ने मंदिर परिसर में सो रहे बिहार समस्तीपुर के रहने वाले नरेश आनंद पर धारदार हथियार से हमला कर दिया. जिसके बाद नरेश आनंद को तुरंत निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. यति नरसिंहानंद सरस्वती का कहना है कि हमलावर उन पर हमला करने आए थे, लेकिन वो नरेश आनंद को नरसिंहानंद समझ बैठे और उन पर हमला कर दिया. हालांकि नरसिंहानंद इससे पहले भी कई बार हमलावरों के निशाने पर रह चुके हैं.

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गाजियाबाद के डासना इलाके में बने मंदिर में उस समय अफरा-तफरी का माहौल मच गया. जब मंदिर के प्रांगण में बिहार से आए एक साधु पर अज्ञात हमलावर ने आज सुबह करीब 4 बजे चाकू से हमला कर दिया. बता दें कि डासना का मंदिर एक प्राचीन देवी मंदिर है जिसके महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती हैं. नरसिंहानंद सरस्वती अपने बेबाक बयानों के चलते कई बार सुर्खियों में रह चुके हैं, जिसके चलते मंदिर की सुरक्षा में हमेशा पुलिस बल भी तैनात रहता है.

लेकिन मंगलवार की सुबह बिहार से आए स्वामी नरेश आनंद जो कि नरसिंहानंद के शिष्य हैं, उन पर आज सुबह तब हमला कर दिया गया. जब वह मंदिर प्रांगण के बाहर सो रहे थे. इस दौरान अज्ञात हमलावरों ने नरेश आनंद के ऊपर चाकू से हमला कर दिया, जिसके बाद वह गंभीर रूप से घायल हो गए. घायल नरेश आनंद को आनन-फानन में नजदीक के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां अब उनका इलाज चल रहा है.

इस घटना के बाद यह बड़ा सवाल खड़ा होता है कि डासना का देवी मंदिर जो कि हमेशा चर्चा का विषय बना रहता है और खुद इस के महंत नरसिंहानंद जोकि अक्सर विवादित बयानों के चलते चर्चा में रहते हैं. जिसके चलते ना सिर्फ मंदिर बल्कि स्वामी नरसिंहानंद की सुरक्षा के लिए भी पुलिस तैनात रहती है, ऐसे में मंदिर के पास ही सो रहे साधु पर जानलेवा हमला करने वाले अज्ञात हमलावर हमला करने के बाद आसानी से फरार हो गये? यह कैसे संभव हुआ?

हालांकि अभी पुलिस इस बात की जांच कर रही है. लेकिन जिस तरीके से मंदिर प्रांगण में सो रहे साधु पर जानलेवा हमला हुआ, वह अपने आप इस बात को बयां करता है कि पुलिस अपने काम में किस कदर लापरवाही बरत रही है.