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लुलु मॅाल प्रकरण: पुलिस ने 4 आरोपियों को किया गिरफ्तार, 14 जुलाई को हुई थी रिपोर्ट दर्ज

राजधानी लखनऊ में बने नॉर्थ इंडिया के सबसे बड़े लुलु मॉल में नमाज पढ़ने के मामले में पुलिस ने मंगलवार को चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. उनसे पूछताछ की जा रही है.

Updated on: 21 Jul 2022, 02:51 PM

नई दिल्ली :

राजधानी लखनऊ में बने नॉर्थ इंडिया के सबसे बड़े लुलु मॉल में नमाज पढ़ने के मामले में पुलिस ने मंगलवार को चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. उनसे पूछताछ की जा रही है. इसके अलावा बाकी अन्‍य आरोपियों की तलाश की जा रही है. लुलु मॉल प्रशासन ने नमाज पढ़ने वालों के खिलाफ 14 जुलाई को सुशांत गोल्फ सिटी थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. गिरफ्तार किए गए चारों युवक कौन हैं, क्या करते हैं और मदरसे से क्या ताल्लुकात है, आइए जानते हैं. 

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मदरसे में पढ़ाई करता है मोहम्मद रेहान
लुलु मॉल में नमाज पढ़ने वाले मामले में जिन चार अभियुक्तों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उसमें सबसे पहला नाम मोहम्मद रेहान का है. पुलिस के मुताबिक, लखनऊ के इंदिरानगर निवासी मोहम्मद रिजवान का पुत्र रेहान मदरसे में पढ़ाई करता है. वो मूल रूप से खुर्रमनगर थाने के सी-130 अबरार नगर में रहता था. वहीं सुशान्त गोल्फ सिटी थाने की पुलिस रेहान समेत गिरफ्तार किए गए सभी अन्य साथियों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाने में जुट गई है.

लखनऊ में रहकर क्या करता था आतिफ?
इसी क्रम में दूसरे आरोपी का नाम आतिफ खान है. आतिफ फिलहाल खुर्रमनगर क्षेत्र के अबरार पुर में रहकर मदरसे की दीनी शिक्षा प्राप्त कर रहा था. आतिफ खान मूल रूप से लखीमपुरखीरी जिले के मोहमदी थानाक्षेत्र के मोहल्ला मोहमदी का रहने वाला है. आतिफ के पिता का नाम मोहम्मद मतीन खान है. बताया जा रहा है 20 वर्षीय आतिफ लम्बे समय से लखनऊ में रह रहा था. वहीं जानकारी के मुताबिक दो अलग-अलग गुट में बंटकर युवक लुलु मॉल में नमाज पढ़ने आये थे. इसमें से पकड़े गए ये लोग एक गुट के बताए जा रहे हैं.

उम्र में सबसे बड़ा लोकमान है मदरसा संचालक
लुलु मॉल में बिना अनुमति के नमाज पढ़ने के आरोप में लखनऊ पुलिस के हत्थे चढ़े तीसरे आरोपी की पहचान मोहम्मद लोकमान (लुकमान) के रूप में हुई है लोकमान पेशे से मदरसा संचालक है. 25 साल का बताया जा रहा मोहम्मद लोकमान मूल रूप से सीतापुर जिले के लहरपुर थाना क्षेत्र के मंगोलपुर गांव का रहने वाला है. लोकमान बाकी तीनों से उम्र में सबसे बड़ा है. इसके पिता का नाम मंसूर अली है और ये (लोकमान) फिलहाल इंदिरानगर के खुर्रमनगर क्षेत्र के अबरार नगर में रहता था. वहीं पुलिस की अबतक की पूछताछ में आरोपियों के मुताबिक, बाकी लोग अन्य गुट के थे लेकिन पुलिस को शक है कि ये लोग संपर्क के ही है. पुलिस हर पहलू पर जांच कर रही है. 

नोमान और लोकमान में क्या है रिश्ता?
वहीं इस लिस्ट में जिस चौथे आरोपी का नाम मोहम्मद नोमान है. बताया जा रहा है कि 20 वर्षीय नोमान भी मदरसे में पढ़ाई करता था और लंबे समय से लखनऊ के इंदिरानगर के खुर्रमनगर क्षेत्र के अबरार नगर में रह रहा था. मोहम्मद नोमान मूल रूप से सीतापुर जिले के लहरपुर थाना क्षेत्र के मंगोलपुर गांव का रहने वाला है. इस तरह पकड़े गए सभी आरोपी लखनऊ के एक ही क्षेत्र में रहते थे. वहीं पुलिस के मुताबिक, नोमान और लोकमान दोनों भाई है. वहीं रेहान, नोमान और आतिफ तीनों ही अलग-अलग मदरसों में पढ़ाई करते थे और तीनों की उम्र 19 से 20 साल के बीच है.

अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी जल्द
वहीं, सुशान्त गोल्फ सिटी के थाना प्रभारी ने बताया कि वीडियो में 7-8 लोग नमाज पढ़ते हुए दिखाई पड़ रहे थे जिसमें से 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं इन चारों ने भी लुलु मॉल में नमाज पढ़ी थी इस बात को स्वीकार कर लिया है. उन्होंने बताया कि पकड़े चार लड़कों में से तीन लड़के मदरसों में पढ़ाई कर रहे थे कोई हाफिज, कोई मौलवी तो कोई आलिम की पढ़ाई कर रहा था. उन्होंने बताया कि नमाज साजिश के तहत पढ़ी गई या कोई अन्य वजह थी इसको लेकर कई बिंदुओं पर पूछताछ जारी है. डाटा जुटाने के साथ ही सर्विलांस की भी मदद ली जा रही है. इसके साथ ही थाना प्रभारी ने नमाज पढ़ने वाले बाकी आरोपियों को भी जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की बात कही है. 

CCTV से मिले अहम सुराग
वहीं लुलु मॉल के सीसीटीवी और अन्य सोर्स से मिली जानकारी के मुताबिक, लड़के दो गुट में बंटकर मॉल के अंदर आए थे इन लोगों ने सबसे पहले ग्राउंड फ्लोर पर नमाज अदा करने की कोशिश की. लेकिन यहां मौजूद सिक्योरिटी गार्ड ने उनको नमाज अदा करने से मना कर दिया. बताया जा रहा है जिसके बाद ये लोग दूसरी मंजिल के कोने में खाली जगह पर नमाज अदा करने लगे और नमाज अदा करने का वीडियो बना लिया. इसके बाद ये लोग फिर दो गुट में बंट गए और वापस पैदल ही मॉल से बाहर चले गए. वहीं इन युवकों ने मॉल से किसी भी तरह की कोई खरीदारी नहीं की थी.