logo-image

बेंगलुरु में जासूसी के लिए इस्तेमाल होने वाले अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का भांडाफोड़

छह टेलीफोन एक्सचेंज की मदद से नेटवर्क से जुड़े लोग अवैध तरीके से अंतरराष्ट्रीय कॉल को स्थानीय कॉल में परिवर्तित कर रहे थे. गैंग के लोग भारतीय सेना के एक्सचेंजों और कर्मियों से भी जानकारी भी ले रहे थे.

Updated on: 10 Jun 2021, 03:20 PM

बेंगलुरु:

कर्नाटक पुलिस और सैन्य खुफिया (दक्षिणी कमान) ने मिलकर एक अवैध नेटवर्क का भांडाफोड़ किया है. इसमें छह टेलीफोन एक्सचेंज की मदद से नेटवर्क से जुड़े लोग अवैध तरीके से अंतरराष्ट्रीय कॉल को स्थानीय कॉल में परिवर्तित कर रहे थे. गैंग के लोग भारतीय सेना के एक्सचेंजों और कर्मियों से भी जानकारी भी ले रहे थे. पुलिस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि तमिलनाडु और केरल के रहने वाले दो लोगों को सात जून को शहर से गिरफ्तार किया गया था. उनकी पहचान केरल के मलप्पुरम के इब्राहिम पुलत्ती और शहर के बीटीएम लेआउट में रहने वाले तिरुपुर, तमिलनाडु के वी. गौतम के रूप में हुई है.

यह भी पढ़ेंः 'राब्ता' के 4 साल पूरे होने पर सुशांत को याद कर भावुक हुईं कृति, इंस्टाग्राम पर शेयर किया वीडियो

दोनों ने बीटीएम लेआउट में छह अवैध टेलीफोन एक्सचेंजों का नेटवर्क स्थापित किया था. अपने संचालन के लिए प्रत्येक में 32 सिम कार्ड के साथ लगे 30 इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करते हुए, अवैध टेलीफोन एक्सचेंजों ने अंतरराष्ट्रीय कॉलों को स्थानीय कॉलों में परिवर्तित किया था. भारतीय सेना के अधिकारी उस समय अलर्ट हो गए जब उनकी सिलीगुड़ी हेल्पलाइन को अप्रैल में सेना की गतिविधियों के बारे में जानकारी मांगने वाले कई संदिग्ध कॉल मिलने लगे. सेना ने बेंगलुरु में कॉल का पता लगाया, और शहर की पुलिस से संपर्क किया. तमिलनाडु और केरल के रहने वाले दो लोगों को सात जून को शहर से गिरफ्तार किया गया था. उनकी पहचान केरल के मलप्पुरम के इब्राहिम पुलत्ती और शहर के बीटीएम लेआउट में रहने वाले तिरुपुर, तमिलनाडु के वी. गौतम के रूप में हुई है.

यह भी पढ़ेंः एक चायवाले ने PM मोदी को दाढ़ी बनाने के लिए भेजा 100 रुपये का मनी ऑर्डर

आतंकवाद निरोधी प्रकोष्ठ (एटीसी) द्वारा 7 जून को की गई एक संयुक्त छापेमारी में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि एक हवाला संचालक को तटीय कर्नाटक के भटकल से गिरफ्तार किया गया है. बेंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त कमल पंत ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों पर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण और सरकारी खजाने को अवैध रूप से एक टेलीफोन एक्सचेंज बनाकर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है. इस बीच, सेना की खुफिया और कानून प्रवर्तन प्रेस नोट में कहा गया है कि गिरफ्तार किए गए लोगों पर "देश की सुरक्षा को बाधित करने" का भी आरोप लगाया गया है.