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दिल्ली की अदालत ने जंतर मंतर पर मुस्लिम विरोधी नारेबाजी के आरोपी की ज़मानत अर्जी की खारिज

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने जंतर मंतर पर मुस्लिम विरोधी नारेबाजी के आरोपी की ज़मानत अर्जी को खारिज कर दिया है

Updated on: 24 Aug 2021, 12:01 AM

नई दिल्ली:

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ( delhi patiala house court ) ने जंतर मंतर पर मुस्लिम विरोधी नारेबाजी के आरोपी की ज़मानत अर्जी को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि हम  कोई तालिबानी राज्य नहीं है। बहु विविध संस्कृति वाले इस देश में क़ानून का शासन सर्वोपरि है। जब पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. कुछ लोग अभी भी असहिष्णु  बने है. कोर्ट ने पिंकी चौधरी के खिलाफ रखें पुलिस के रखे सबूतों को प्रथमदृष्टया अहम बनाते हुए, आरोप  को संगीन मानते हुए अग्रिम ज़मानत अर्जी खारिज कर दी.

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आपको बता दें कि  जंतर-मंतर पर भड़काऊ नारेबाजी के मामले में दिल्ली पुलिस ने एक और गिरफ्तारी की है. पुलिस ने हिंदू आर्मी के चीफ सुशील तिवारी को गिरफ्तार किया है. लखनऊ के रहने वाले सुशील तिवारी अश्विनी उपाध्याय का व्हाट्सएप मैसेज देख कर कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचा था. अश्विनी उपाध्याय भाजपा नेता और सुप्रीम कोर्ट का वकील है. वह भाजपा दिल्ली प्रदेश का प्रवक्ता भी रह चुका है. सेव इंडिया फाउंडेशन के बैनर तले 8 अगस्त को जंतर-मंतर एक कार्यक्रम रखा गया था. जिसमें भड़काऊ नारे लगाये गये. उस कार्यक्रम के आयोजक अश्विनी उपाध्याय ही था. 

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नारेबाजी का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. वीडियो वायरल होने के बाद दिल्ली पुलिस दबाव में आयी और भड़काऊ नारे लगाने वालों की तलाश शुरू हो गयी. दिल्ली पुलिस के अनुसार यह कार्यक्रम बिना इजाजत के हुआ था. हेड कॉन्स्टेबल अनिल के मुताबिक, सुबह करीब नौ बजे कुछ प्रदर्शनकारी बिना किसी इजाजत के जंतर-मंतर पर पहुंचे थे. दिल्ली पुलिस ने हेड कॉन्स्टेबल अनिल की शिकायत पर एफआईआर दर्ज किया था. इसके बाद पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापा मारना शुरू कर दिया लेकिन अभी तक सारे आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.