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Umesh Pal Murder Case से ऐसे जुड़ा अतीक अहमद का नाम, जानें कौन था राजू पाल?

प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड ( Umesh Pal Murder Case ) के मुख्य आरोपी अतीक अहमद को गुजरात से उत्तर प्रदेश लाया जा रहा है. अतीक गुजरात की साबरमती जेल में बंद था. यूपी पुलिस अतीक के प्रयागराज लाकर उमेश पाल मर्डर केस में पूछताछ करेगी

Updated on: 27 Mar 2023, 06:49 PM

New Delhi:

प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड ( Umesh Pal Murder Case ) के मुख्य आरोपी अतीक अहमद को गुजरात से उत्तर प्रदेश लाया जा रहा है. अतीक गुजरात की साबरमती जेल में बंद था. यूपी पुलिस अतीक को प्रयागराज लाकर उमेश पाल मर्डर केस में पूछताछ करेगी. इसके साथ ही पुलिस को उमेश पाल मर्डर केस में शामिल शूटर्स की भी तलाश है. आपको बता दें कि राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की पिछले दिनों प्रयागराज में दिन दहाड़े गोली बरसाकर हत्या कर दी गई थी. इस घटना में उनके दोनों सरकारी गनरों को भी मौत के घाट उतार दिया गया था. उमेश पाल मर्डर को लेकर उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर तो सवाल उठे ही, साथ ही सियासी हड़कंप भी खूब मचा.

कौन था राजू पाल

राजू पाल प्रयागराज पश्चिमी का रहने वाला था. राजू पाल उस समय अतीक अहमद का काफी करीबी बताया जाता था. राजू पर लूट, अपहरण और फिरौती जैसे कई मामले दर्ज थे. प्रयागराज के धूमनगंज थाने में राजू को हिस्ट्रीशीटर बनाया गया था. यही नहीं राजू पाल को अतीक अहमद का राइट हैंड माना जाता था. लेकिन दोनों की दोस्ती दुश्मनी में बदल गई और 25 जनवरी 2005 को प्रयागराज में ही राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पोस्टमार्टम के समय उसकी बॉडी से 19 गोलियां निकली थीं. 

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अतीक अहमद और राजू पाल में ऐसे हुई दुश्मनी

दरअसल, ये कहानी साल 2003 से शुरू होती है. उस समय उत्तर प्रदेश में ताजा-ताजा सरकार बदली थी और सत्ता की कुर्सी पर समाजवादी पार्टी काबिज हुई थी. उस समय प्रयागराज पश्चिमी सीट से 5 बार विधायक चुने जा चुके अतीक अहमद का खौफ चरम पर था. अगले साल 2004 में लोकसभा चुनाव आए तो समाजवादी पार्टी ने अतीक को फूलपुर सीट से टिकट दिया. अतीक यहां भी अपने खौफ और रसूख के बल पर सांसद चुना गया. उसके सांसद चुने जाने के बाद प्रयागराज पश्चिमी सीट खाली हुई और वहां उपचुनाव कराया गया. इस उपचुनाव में अतीक अहमद ने अपने छोटे भाई अजीम उर्फ अशरफ को सपा से टिकट दिलवाया. लेकिन राजू पाल ने बहुजन समाज पार्टी की ओर से अशरफ के सामने टिकट भर दिया. जो अतीक को मंजूर नहीं हुआ. अतीक ने इसको सीधी अपने रसूख को चुनौती माना. इस दौरान राजू पाल ने शानदार जीत दर्ज कराई और वो पश्चिमी सीट से विधायक चुना बना. राजू पाल के चुनाव जीतने के बाद अतीक अहमद और अधिक आक्रामक हो गया. 

हमलावरों ने राजू पाल के काफिले पर किया हमला

विधायक चुने जाने के तीन महीने बाद राजूपाल ने 15 जनवरी 2005 को पूजा पाल से शादी कर ली. शादी के महज 10 दिन बाद राज पाल अपने काफिले के साथ एसआरएन अस्पताल ने निकला. उस समय वह अपनी गाड़ी खुद ड्राइव कर रहा था. तभी रास्ते में हमलावरों ने उसकी गाड़ी पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दी. इस हमले में राजू पाल को कई गोलियां लगीं. जब राजू पाल को उसके समर्थक अस्पताल ले गए तो उसकी मौत हो चुकी थी. राजू पाल के साथ उनके दो साथी भी हमले का शिकार हुए. राजू पाल की हत्या के बाद प्रदेश की सियासत में तूफान सा आ गया था, जिसकी गूंज आज भी सुनाई देती है. 

कौन है उमेश पाल

उमेश पाल इस घटना का ( राजू पाल हत्याकांड ) का मुख्य गवाह बना. जिसकी पिछले दिनों बम फेंककर और गोली मारकर हत्या कर दी गई. उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस ने अतीक अहमद, उसकी पत्नी को आरोपी बनाया गया है.