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Aayushi Murder Case: पिता का साथ पत्नी ने भी दिया, बेटी की लाश को ठिकाने लगाने में की थी मदद

लाइसेंसी बंदूक से बेटी को गोली मार दी. इसके बाद पिता ने बेटी के शव को  एक लाल रंग के बैग में भरकर यमुना एक्सप्रेस-वे की सर्विस रोड स्थित राया इलाके में फेंक दिया.   

Updated on: 21 Nov 2022, 07:09 PM

highlights

  • पिता ने अपनी लाइसेंसी बंदूक से बेटी को गोली मार दी
  • बेटी के शव को एक लाल रंग के बैग में भरकर फेंक दिया
  • करीब 20 हजार मोबाइल कॉल को ट्रेस किया गया

नई दिल्ली:

Aayushi Murder Case: मथुरा में मिले ट्रॉली बैग के अंदर लड़की का शव मिलने की घटना को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. यह मामला ऑनर किलिंग निकाला. दिल्ली के बदरपुर क्षेत्र में रहने वाले शख्स ने अपनी ही बेटी को जान से मार डाला. 22 वर्षीय आयुषी यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इसके बाद उसके शव को लाल रंग के ट्रॉली बैग में भरकर मथुरा के राया इलाके में फेंक दिया गया. इस मामले में खुलासा हुआ है कि पिता द्वारा बेटी की हत्या करने के बाद खुद प​त्नी ने भी बेटी की लाश को ठिकाने लगाने में मदद की थी। 

बताया जा रहा है कि आयुषी घर से बिना बताए चली गई थी. जब वह 17 नवंबर को अपने घर पर पहुंची तो पिता नितेश यादव ने आपा खो दिया. उसने अपनी लाइसेंसी बंदूक से बेटी को गोली मार दी. इसके बाद पिता ने बेटी के शव को बैग में भरकर यमुना एक्सप्रेस-वे की सर्विस रोड स्थित राया इलाके में फेंक दिया. बताया जा रहा है कि आयुषी ने किसी दूसरी कास्ट के लड़के साथ शादी कर ली थी।

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18 नवंबर को दोपहर के वक्त मथुरा पुलिस को एक लावारिस युवती का शव मिलने की जानकारी मिली. शव के हाथ, पैर और सिर पर चोट के निशान पाए गए थे. वहीं बाईं ओर छाती में गोली लगी थी. इसकी जांच के लिए पुलिस ने आठ टीमें गठित की थीं. पुलिस के 48 घंटे के अंदर इस मामले का खुलासा कर दिया. 

युवती की पहचान को लेकर करीब 20 हजार मोबाइल कॉल को ट्रेस किया गया. इसके साथ सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया. करीब 210 सीसीटीवी कैमरे के फुटेज जांचे गए. इसके बाद पुलिस युवती की शिनाख्त कर पाई. यही नहीं छानबीन में जुटी यूपी पुलिस ने राजधानी और एनसीआर के अलावा हाथरस, अलीगढ़ क्षेत्रों में भी गई. इसके साथ पोस्टर की मदद से मृतक की पहचान कराने की कोशिश की.  सोशल मीडिया की भी मदद ली गई. पुलिस ने वॉट्सऐप ग्रुप पर मृतका की तस्वीरें शेयर की थीं.  पुलिस के अनुसार लावारिस शव की पहचान आयुषी यादव पुत्री नितेश यादव के रूप में हुई है. नितेश गोरखपुर का निवासी है. वह राजधानी के बदरपुर क्षेत्र में काफी समय से रह रहा है.