Champions Trophy 2025: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं. पाकिस्तान की मेजबानी में हाइब्रिड मॉडल में खेले जाने वाले इस टूर्नामेंट में टीम इंडिया अपने सभी मुकाबले दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेलेगी. ताजा खबर सामने आ रही है कि भारत के मैचों के लिए फ्रेश पिच का इस्तेमाल होने वाला है.
चैंपियंस ट्रॉफी के लिए फ्रेश रखे गए विकेट
Champions Trophy 2025 में टीम इंडिया अपने सभी लीग मैच दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेलने वाली है. दरअसल, टूर्नामेंट की मेजबानी तो पाकिस्तान के पास है, लेकिन भारत ने क्लीयर कर दिया था की वह किसी भी सूरत में पाकिस्तान नहीं जाएगा.
इसके बाद टूर्नामेंट को हाइब्रिड मॉडल में खेलना तय हुआ और टीम इंडिया अपने मैच दुबई में खेलेगी. अब ताजा खबर सामने आ रही है कि दुबई के स्टेडियम की 2 पिचों पर लंबे वक्त से मैच नहीं खेले गए हैं और इन्हें चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए ही बचाकर रखा गया था.
2 पिचों को रखा गया फ्रेश
दुबई ने पिछले साल महिला टी20 वर्ल्ड कप की मेजबानी की थी. इसके बाद से यहां अंडर-19 एशिया कप और यूएई क्रिकेट बोर्ड की ILT20 लीग का भी आयोजन हुआ. इस मैदान पर लीग के 15 मैच हुए. सूत्रों की मानें, तो ‘दुबई के स्टेडियम में 10 मैच स्ट्रिप्स हैं. लीग स्टेज के दौरान निर्देश दिए गए थे कि उन 2 का इस्तेमाल अब नहीं किया जाएगा और चैंपियंस ट्रॉफी के लिए उन्हें फ्रेश रखा जाएगा. हालांकि, प्ले-ऑफ के लिए दोनों में से किसी का इस्तेमाल किया गया था या नहीं, यह साफ नहीं है.
पिच पर किसे मिलेगी मदद?
दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम की पिच की बात करें, तो यहां बल्लेबाज और गेंदबाज दोनों को ही विकेट से मदद मिलने की उम्मीद है, क्योंकि ये फ्रेश विकेट होने वाला है. सूत्रों के अनुसार, 'ऐसा करने के पीछे ये सोच थी कि विकेट अधिक यूज होने के कारण स्लो ना हो जाए और मैच खींचतान वाला न हो जाए. फ्रेश पिचें बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों के लिए समान रूप से मददगार होंगी.'
कैसी रहती है दुबई की पिच?
टीम इंडिया को चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान अपने तीनों लीग मैच दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेलने हैं. जहां, भारत पहला मैच 20 फरवरी को बांग्लादेश के खिलाप 23 फरवरी को पाकिस्तान और फिर 2 मार्च को न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलेगा.
विकेट की बात करें, तो मिली जानकारी के मुताबिक ‘आमतौर पर दुबई की पिच अक्सर तेज गेंदबाजों के अनुकूल रहती है. तेज गेंदबाजों को मूवमेंट और उछाल मिलता है. हालांकि, नई पिच पर उन स्पिनर्स को ज्यादा मदद मिलेगी जो कि गति से करते हैं. बल्ले और गेंद के बीच बैलेंज नजर आ सकता है. ऐसे में यहां मैच स्लो नहीं बल्कि रोमांचक हो सकते है.’
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