जानिए आखिर क्या है BCCI और ICC के बीच रेवेन्यू शेयरिंग विवाद जिसकी वजह से नहीं हो रहा टीम इंडिया का चैंपियंस ट्रॉफी के लिए ऐलान
अगले महींने चैंपियंस ट्रॉफी की शुरुआत होने वाली है। सभी टीमों ने अपने-अपने खिलाड़ियों के नाम की छोषणा कर दी है लेकिन भारतीय टीम का अभी भी चैंपियंस ट्रॉफी में खेलने पर संशय बना हुआ है।
नई दिल्ली:
अगले महींने चैंपियंस ट्रॉफी की शुरुआत होने वाली है। सभी टीमों ने अपने-अपने खिलाड़ियों के नाम की छोषणा कर दी है लेकिन भारतीय टीम का अभी भी चैंपियंस ट्रॉफी में खेलने पर संशय बना हुआ है।
बीसीसीआई और आईसीसी के बीच की जंग ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही, चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम की घोषणा करने की आखिरी तारीख ख़त्म होने के चार दिन बाद भी बीसीसीआई ने 1 जून से इंग्लैंड में होने वाले चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम कि घोषणा नहीं की है। बीसीसीआई ने टीम चयन पर आखिरी फैसला लेने के लिए 7 मई को एक विशेष बैठक बुलाई है जिसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।
क्या है बीसीसीआई और आईसीसी के बीच विवाद
दोनों बोर्ड के बीच विवाद रेवेन्यू शेयरिंग के नए फार्मूले की वजह से है। रेवेन्यू शेयरिंग के नए फार्मूले को आईसीसी लागू करना चाहती ह पर बीसीसीआई इसके खिलाफ है। नए फॉर्मूले के तहत बीसीसीआई की आईसीसी से होने वाली आय 570 मिलियन डॉलर से घटकर 293 मिलियन डॉलर रह जाएगा।
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पहले क्या था रेवेन्यू शेयरिंग फार्मूला
2014 में पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन एक फार्मूला लेकर आए थे जिसके तहत आईसीसी के लाभ का बड़ा हिस्सा भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के क्रिकेट बोर्ड को दिया जाता था। इस फॉर्मूले के तहत भारत को आईसीसी के रेवेन्यू का 20 फीसदी हिस्सा मिलता था जो कि 570 मिलियन डॉलर था। इन देशों को अधीक पैसा आईसीसी इसलिए देता था क्योंकि आईसीसी अपना 70 से 80 फ़ीसदी मुनाफा इन तीन देशों के क्रिकेट बोर्ड से कमाती है।
लेकिन साल 2016 में आईसीसी के चेयरमैन का पद संभालते ही शशांक मनोहर को लगा कि रेवेन्यू बंटवारे का यह मॉडल सही नहीं है और उन्होंने इसेमें बदलाव करने का सोचा। उनका तर्क था कि अगर ज्यादा से ज्यादा पैसा 2 या 3 देशों को ही दिया जाएगा तो नए देशों में क्रिकेट का विकास नहीं हो पाएगा।
इसी बात को लेकर आईसीसी ने प्रॉफिट शेयरिंग का एक नया फार्मूला बनाया जो साल 2016-2023 के लिए लागू होगा।
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नया रेवेन्यू शेयरिंग फार्मूला
नए फॉर्मूले के तहत बीसीसीआई को 293 मिलियन डॉलर, इंग्लैंड को 143 मिलियन डॉलर, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, वेस्ट इंडीज, श्रीलंका, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों को 132 मिलियन डॉलर और ज़िम्बाब्वे को 94 मिलियन डॉलर साथ ही एसोसिएट देशों के लिए कुल 280 मिलियन डॉलर की व्यवस्था की गयी।
बीसीसीआई को कम हुए रेवेन्यू को लेकर नाराज है। इसे देखते हुए आईसीसी बीसीसीआई को 400 मिलियन डॉलर देने पर राजी हो गई है। अब देखना है कि बीसीसीआई क्या फैसला लेता है।
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