बीसीसीआई ने किया लोढ़ा समिति की मुख्य सिफारिशों को ख़ारिज़
उच्चतम न्यायालय के आदेश की पूरी तरह से अनदेखी करते हुए भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने आज एक राज्य एक वोट, 70 वर्ष की आयु सीमा, कार्यकाल के बीच में तीन साल का ब्रेक जैसी लोढ़ा समिति की अहम सिफारिशों को खारिज कर दिया और शीर्ष अदालत के साथ एक और दौर के टकराव का मंच तैयार किया।
मुंबई:
उच्चतम न्यायालय के आदेश की पूरी तरह से अनदेखी करते हुए भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने शनीवार को एक राज्य एक वोट, 70 वर्ष की आयु सीमा, कार्यकाल के बीच में तीन साल का ब्रेक जैसी लोढ़ा समिति की अहम सिफारिशों को खारिज कर दिया और शीर्ष अदालत के साथ एक और दौर के टकराव का मंच तैयार किया।
बीसीसीआई की विशेष बैठक में शनीवार को यहां सिफारिशों पर चर्चा की गई और इनमें से कुछ छोटी सिफारिशों को ही स्वीकार करके अपने रुख पर कायम रहने का फैसला किया गया क्योंकि अधिकांश सदस्यों की राय एक जैसी है।
बैठक के दौरान चयन पैनल से जुड़ी सिफारिश स्वीकार नहीं की गई जहां पांच की जगह तीन चयनकर्ताओं को रखने का निर्देश दिया गया है और उसमें भी टेस्ट अनुभव होना जरुरी है। आज बैठक में जिन अहम सिफारिशों को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया उसमें नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) के प्रतिनिधि को एपेक्स काउंसिल के अलावा आईपीएल संचालन परिषद के सदस्य के रुप में शामिल करना और निश्चित बदलावों के साथ एपेक्स काउंसिल का गठन शामिल है।
बीसीसीआई की विज्ञप्ति में माननीय न्यायमूर्ति लोढ़ा समिति की सिफारिशों के अंतर्गत विभिन्न समितियों का जिक्र है जिसमें विशेष रुप से सक्षम लोगों के लिए विशेष समिति और महिला समिति शामिल है।
अन्य सिफारिश में खिलाड़ी संघ का गठन और समिति में उनका प्रतिनिधित्व शामिल है। एक सिफारिश के अनुसार एसजीएम ने सीईओ को अधिकार दिया कि वह न्यायमूर्ति लोढ़ा समिति के प्रस्ताव के अनुसार संचालन समिति से संपर्क करे और क्रिकेट खिलाड़ी संघ के गठन की प्रक्रिया शुरू करे।
सदस्य आईसीसी के दिशानिर्देशों के अनुसार एसोसिएट सदस्यों को वोटिंग अधिकार देने के लिए सर्वसम्मत थे। इस दौरान पुड्डुचेरी को बीसीसीआई की एसोसिएट सदस्यता देने का फैसला भी किया गया।
बोर्ड के बयान के अनुसार एसजीएम ने न्यायमूर्ति लोढ़ा समिति की पहली रिपोर्ट के अनुसार अगले आईपीएल सत्र के लिए खिलाडियों और टीम अधिकारियों के लिए आचार संहिता, डोपिंग रोधी संहिता, नस्ली आचरण रोधी संहिता, भ्रष्टाचार रोधी संहिता और संचालन नियमों को भी स्वीकार किया।
विज्ञप्ति में कहा गया कि सदस्यों का ध्यान इस तथ्य की ओर दिलाया गया कि समिति की सिफारिश के अनुसार राष्ट्रीय कैलेंडर और आईपीएल के बीच 15 दिन का अंतर सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया लेकिन वर्ष 2017 में यह संभव नहीं होगा क्योंकि इंग्लैंड में इसी समय आईसीसी चैम्पियंस ट्राफी होगी.
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