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पाकिस्तानी गेंदबाज अब्दुल कादिर बोले, 'अकरम, इंजमाम को फांसी देते तो नहीं होती स्पॉट फिक्सिंग'

पाकिस्तान सुपर लीग के दौरान सामने आया स्पॉट फिक्सिंग विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पाकिस्तानी क्रिकेट टीम पर एक बार फिर से स्पॉट फिक्सिंग का दाग लगा है।

Updated on: 20 Mar 2017, 01:09 PM

नई दिल्ली:

पाकिस्तान सुपर लीग के दौरान सामने आया स्पॉट फिक्सिंग विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पाकिस्तानी क्रिकेट टीम पर एक बार फिर से स्पॉट फिक्सिंग का दाग लगा है। संदेह के घेरे में घिरे शार्जील खान, मोहम्मद इरफान, खालिद लतिफ, शाहजेब हसन और नासिर जमशेद हैं। पीसीबी ने इन पांचों पर तुरंत कार्यवाही करते हुए निलंबित कर दिया है। क्रिकेट जगत के पूर्व क्रिकेटरों ने स्पॉट फिक्सिंग मामले में लिप्त खिलाड़ियों पर तीखी प्रतिक्रियाएं दी ।

स्पॉट फिक्सिंग मामले में पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज लेग स्पिनर अब्दुल कादिर के बयान पर बवाल मच गया है। कादिर ने एक टीवी शो पर कहा कि 'पूर्व खिलाड़ी वसीम अकरम, इंजमाम-उल-हक और मुश्‍ताक अहमद और दूसरे खिलाड़ी मैच फिक्सिंग में लिप्‍त थे और अगर उन्‍हें 'फांसी' दे दी जाती तो पाकिस्‍तान में स्‍पॉट फिक्सिंग का खतरा होता ही नहीं'।

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कादिर ने दावा किया कि अकरम, इंजमाम और मुश्‍ताक ज्‍यादा बड़े दोषी हैं। पाकिस्तानी क्रिकेट टीम पर एक बार फिर फिक्सिंग के साये में है लेकिन इस बार तमाम पूर्व खिलाड़ी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

अब्दुल कादिर ने एक टीवी चैनल पर दिए बयान में वसीम अकरम, वकार युनिस, इंजमाम उल हक और मुश्ताक अहमद को मैच फिक्सिंग के लिए सबसे बड़ा दोषी बताया है। कादिर ने कहा, 'इन खिलाड़ियों की वजह से 90 के दशक के अंतिम सालों में पाकिस्तान क्रिकेट में मैच फिक्सिंग ने दस्तक दी थी और अगर उसी समय इन दोषियों को फांसी पर लटका दिया गया होता, तो मैच फिक्सिंग की जड़ें वहीं खत्म हो जातीं।

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को कटघरे में खड़े करते हुए पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर ने कहा कि मैच फिक्सिंग मामले पर आई जस्टिस मलिक मुहम्मद खय्याम की रिपोर्ट को अब तक लागू क्यों नहीं किया गया? उन्होंने पूछा कि वसीम, वकार, इंजमाम और मुश्ताक समेत पीसीबी से जुड़े इन लोगों ने जस्टिस खय्याम की सिफारिशों को लागू क्यों नहीं करते।

वहीं पाकिस्तान के दो सीनियर खिलाड़ी शाहिद अफरीदी और मोहम्मद हफीज ने दोषी पाए जाने वाले खिलाड़ियों को न बख्शने और कड़ी सजा देकर उन्हें क्रिकेट से बाहर कर देने की बात कही।

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अफरीदी ने कहा, 'समस्या यह है कि ये स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण पाकिस्तानी क्रिकेट को नुकसान पहुंचाना जारी रखेंगे क्योंकि हमने उदाहरण पेश नहीं किए और जो खिलाड़ी इसमें लिप्त होकर दोषी पाए गए थे, उन्हें सजा नहीं दी'। उन्होंने कहा, 'अगर कोई खिलाड़ी फिक्सिंग में दोषी पाया जाता है तो उसे घरेलू क्रिकेट में भी खेलने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। बीते समय में हमने कड़े फैसले नहीं किए। अगर इन खिलाड़ियों को चार या पांच साल की सजा काटने के बाद फिर से खेलने की अनुमति दे दी जाती है तो कोई फायदा नहीं.।

दिग्गज बल्लेबाज मोहम्मद हफीज  ने लाहौर में कहा कि क्रिकेट में भ्रष्ट पाए जाने वाले खिलाड़ियों पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए ताकि खिलाड़ी इस तरह की चीज करने से पहले दो बार सोचे।

पाकिस्तान के टेस्ट कप्तान मिस्बाह-उल-हक का कहना है कि स्पॉट फिक्सिंग के दोषी खिलाड़ियों पर जीवन प्रतिबंध लगा देना चाहिए और न ही उनको मैदान पर वापिस जाने की अनुमति दी जानी चाहिए।

पाकिस्तान सुपर लीग के दौरान स्पॉट फिक्सिंग के हुए इस मामले को पीसीबी की भ्रष्टाचार रोधी संस्था पूरी मामले की जांच में जुटी है।