Zomato और Swiggy का बड़ा खेला! दो बड़े प्लेयर्स के बीच फूड डिलीवरी ऐप Thrive का गेम ओवर

मुंबई के फूड डिलीवरी स्टार्टअप थ्राइव (Thrive) कंपनी ने अपने कंज्यूमर को अलविदा कह दिया है. थ्राइव ने अपने कंज्यूमर ऐप को चार साल बाद बंद करने जा रही है. कंपनी ये फैसला मार्केट में बढ़ते कॉम्पटीशन के बीच लिया है.

मुंबई के फूड डिलीवरी स्टार्टअप थ्राइव (Thrive) कंपनी ने अपने कंज्यूमर को अलविदा कह दिया है. थ्राइव ने अपने कंज्यूमर ऐप को चार साल बाद बंद करने जा रही है. कंपनी ये फैसला मार्केट में बढ़ते कॉम्पटीशन के बीच लिया है.

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Ravi Prashant
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Thrive Food Delivery App Shutdown

थ्राइव शटडाउन (NN)


मुंबई के फूड डिलीवरी स्टार्टअप थ्राइव (Thrive) कंपनी ने अपने कंज्यूमर को अलविदा कह दिया है. थ्राइव ने अपने कंज्यूमर ऐप को चार साल बाद बंद करने जा रही है. कंपनी ये फैसला मार्केट में बढ़ते कॉम्पटीशन के बीच लिया है. फूड डिलीवर मार्केट में जोमौटो (zomato) और स्विग्गी (swiggy) का अपना एकछत्र राज है. ऐसे में नए स्टार्टअप थ्राइव जैसे कंपनी को सर्वाइव करना इतना आसान नहीं था. हालांकि, अगर आप इस कंपनी के इंवेस्टर के तौर पर देखेंगे तो दो बड़ी कंपनियां हैं, जिन्होंने अपना पैसा लगाया है. थ्राइव में डोमिनोज की पैरेंट कंपनी जुबिलेंट फूड्स और कोका-कोला पैसा लगाये हुए हैं. 

इन कंपनियों की थी अहम हिस्सेदारी

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बता दें कि साल 2021 में डोमिनोज (dominos) और पॉपयेस (popeyes), जैसे ब्राड्स कंपनियों ने इसमें 35 परसेंट हिस्सेदारी खरीदी थी. वहीं, साल 2023 में कोका-कोला ने भी कंपनी के 15 हिस्सा खरीद लिया. यानी कंपनी के पास इन्वेस्टर तो थे लेकिन फिर कंपनी को बंद करना पड़ा. 

कंपनी के को-फाउंडर ने दी जानकारी

जानकारी के मुताबिक, कंपनी के बंद करने की जानकारी खुद थ्राइव के को-फाउंडर कृषि फगवानी ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट में दी है. उन्होंने लिखा कि थ्राइव ने ने अपने कंज्यूमर ऐप को बंद करने कठिन फैसला लिया है. उन्होंने पोस्ट में बताया कि थ्राइव ओएनडीसी (Thrive ONDC), थ्राइव डायरेक्ट (Thrive Direct) और थ्राइव मार्केटिंग सूइट (Thrive Marketing Suite) जैसे अन्य सेक्टर्स को सही इंडस्ट्री पार्टनर्स के पास ट्रांजिशन किया जाएगा. उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि पेमेंट, टैक्स, कंप्लायंस, रिपोर्टिंग और इनवॉइस में कोई दिक्कत नहीं होगी. 

मार्केट में हैं दिग्गज फंडेड का दबदबा

फगवानी ने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि हमारे रोस्टोरेंट पार्टनर्स, कस्टमर्स, निवेशकों को सभी टीम को धन्यवाद, जिन्होंने हम विश्वास जताय. यह हमार लिए गर्व की बात रही कि हम इस प्रोजेक्ट को साथ मिलकर आगे बढ़ा पाए और हम जो कुछ भी बना पाए हैं, उस पर हमें गर्व है. उन्होंने आगे लिखा कि मार्केट में कुछ दिग्गज हैं, जिन्हें बड़ी-बड़ी कंपनियों ने काफी पैसे लगाए हैं. उनका काफी दबदाबा है. जिससे छोटे और मिशन ड्रिवन प्लेटफॉर्म्स के लिए अपने आकार में बढ़ना और रेस्टोरेंट्स की नीड्स को पूरा करना चुनौतीपूर्ण हो गया है. 

कंपनी का फ़ाइनेंशियल रिकॉर्ड? 

अगर कंपनी फ़ाइनेंशियल मॉड्यूल पर नजर डाले तो डेटा वेबसाइड Tracxn के मुताबिक, कंपनी अब तक तीन राउंड्स में कुल 2.5 मिलियन की इक्विटी फंडिंग जुटाई थी. थ्राइव ने FY23 में अपने रेवेन्यू में सामान्य बढ़ोतरी की थी, जो 2.5 करोड़ रुपये थी. वहीं, उससे पिछले साल 2.3 करोड़ रुपये थी.

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