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AGR Dues: टेलिकॉम कंपनियां बकाया कैसे चुकाएंगी हलफनामा दाखिल करें: सुप्रीम कोर्ट

AGR Dues: सुप्रीम कोर्ट ने समायोजित सकल राजस्व (Adjusted Gross Revenue-AGR) बकाए पर सरकार को समयसीमा तय करने को कहा है.

Updated on: 11 Jun 2020, 02:22 PM

नई दिल्ली:

AGR Dues: जस्टिस अरुण मिश्रा (Arun Mishra) और जस्टिस एमआर शाह (MR Shah) और एस अब्दुल (S Abdul) की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की तीन जजों की बेंच ने टेलिकॉम के एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) मामले की सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने समायोजित सकल राजस्व (Adjusted Gross Revenue-AGR) बकाए पर सरकार को समयसीमा तय करने को कहा है. 

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि टेलिकॉम कंपनियां हलफनामा दाखिल करें कि वे अपना बकाया कैसे चुकाएंगी. न्यायालय ने दूरसंचार विभाग से कहा कि एजीआर मामले में उसके फैसले की गलत व्याख्या की गयी है क्योंकि उसने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के मामले पर विचार नहीं किया था. दूरसंचार विभाग को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से एजीआर की बकाया राशि की मांग वापस लेने पर विचार करना होगा. न्यायालय ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से एजीआर बकाये के रूप में चार लाख करोड़ रूपए की दूरसंचार विभाग की मांग पूरी तरह से अनुचित है.

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PSU कंपनियों को AGR भुगतान से राहत मिली
भारत सरकार ने कहा कि एकबार बकाया मांगने से दिक्कत होगी और कुछ कंपनी को अपने ऑपरेशन बंद करने पड़ सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने बकाया भुगतान पर टेलिकॉम कंपनियों को जिम्मेदारी लेने को कहा है. PSU कंपनियों को AGR भुगतान से राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने PSU का टेलीकॉम बकाया वापस लेने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि टेलिकॉम कंपनियों से समय पर भुगतान की गारंटी नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भुगतान करने के लिए तैयार कंपनियों के लिए क्या सिक्योरिटी है.

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सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या कंपनी के डायरेक्टर्स पर्सनल गारंटी देने को तैयार है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वादे पर भुगतान के लिए 20 साल का समय नहीं दे सकते हैं. पिछले 30 साल से एजीआर बकाए की मांग क्यों नहीं की गई. पिछले साल फैसले के बाद PSU से AGR की मांग क्यों की गई. अदालत ने कहा कि PSU, टेलीकॉम कंपनियों की लाइसेंस फीस में काफी अंतर है.

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एजीआर मामले पर 18 जून को होगी अगली सुनवाई

कोर्ट ने कहा कि DoT ने पीएसयू से अनावश्यक एजीआर की मांग कैसे की और DoT ऑफिसर को एजीआर की जरूरत को बताना होगा. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में कार्रवाई करेगी. न्यायालय ने सार्वजनिक उपक्रमों से चार लाख करोड़ रुपये की दूरसंचार विभाग की एजीआर मांग पर सवाल उठाये हैं. बता दें कि पीएसयू पर एजीआर का करीब 4.28 लाख करोड़ रुपये का बकाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बकाया भुगतान पर कंपनियों को जिम्मेदारी लेने को कहा है. दूरसंचार विभाग ने न्यायालय से कहा कि वह एक हलफनामा दाखिल कर स्पष्ट करेगा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से एजीआर की मांग क्यों की गयी है. एजीआर मामले पर अगली सुनवाई 18 जून को होगी.