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एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर जताया ये बड़ा अनुमान

रेटिंग्स एजेंसी (Rating Agency) एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) ने भारत की विदेशी और स्थानीय मुद्रा पर अपनी अयाचित रेटिंग्स दीर्घकाल के लिए 'बीबीबी-' और अल्पकाल के लिए 'ए-3' की पुष्टि की है.

Updated on: 11 Jun 2020, 08:39 AM

नई दिल्ली:

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) ने बुधवार को भारत (Indian Economy) की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग्स (Sovereign Credit Rating) 'बीबीबी-' पर अपरिवर्तित रखी. रेटिंग्स एजेंसी (Rating Agency) ने भारत की विदेशी और स्थानीय मुद्रा पर अपनी अयाचित रेटिंग्स दीर्घकाल के लिए 'बीबीबी-' और अल्पकाल के लिए 'ए-3' की पुष्टि की है. इसके अलावा एसएंडपी ग्लोबल रेटिग्स ने कहा है कि दीर्घकाल रेटिंग पर भारत का परिदृश्य स्थिर है. रेटिंग एजेंसी ने बयान में कहा, "स्थिर परिदृश्य हमारी इस अपेक्षा को जाहिर करता है कि कोविड-19 महामारी पर लगाम लगने के बाद भारत की अर्थव्यवस्था सुधरेगी, देश अपनी शुद्ध बाहरी स्थिति को बनाए रखेगा.

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भारत की अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी के कारण वित्त वर्ष 2021 में सिकुड़ेगी
बयान में कहा गया है कि स्थिर परिदृश्य का यह भी अर्थ है कि सरकार का राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2021 (31 मार्च, 2021 को समाप्त) में कई वर्षो के उच्चस्तर के बाद उल्लेखनीय रूप से नीचे आ जाएगा. रेटिंग रेशनल के संदर्भ में एजेंसी ने कहा कि यह देश के औसत वास्तविक जीडीपी वृद्धि से ऊपर, अच्छी बाहरी प्रोफाइल और विकसित हो रही मौद्रिक सेटिंग्स तथा अन्य चीजों को प्रदर्शित करता है. बयान में कहा गया है, "भारत की अर्थव्यवस्था ज्यादातर कोविड-19 महामारी के कारण वित्त वर्ष 2021 में सिकुड़ेगी. हम वास्तविक जीडीपी वृद्धि में पांच प्रतिशत गिरावट का अनुमान जाहिर करते हैं, जो हाल के इतिहास में सबसे बुरा आर्थिक प्रदर्शन होगा.

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एजेंसी ने बयान में कहा है कि महामारी के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट के साथ ही घरेलू स्तर पर वायरस के प्रसार को रोकने के लिए किए गए सख्त घरेलू उपायों के कारण अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है, और परिणाम स्वरूप इस वित्त वर्ष की प्रथम तिमाही में गतिविधियों में काफी गिरावट आएगी. बयान में कहा गया है कि भारत का श्रम बाजार अचानक बहुत कमजोर हुआ है, और इसे ठीक होने में कुछ समय लग सकता है.