लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance) का आवेदन क्यों हो जाता है रिजेक्ट, जानिए वजह

लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance): टर्म इंश्योरेंस लेने के बाद आपको अपने परिवार की चिंता कम तो होती ही है. साथ ही नॉमिनी को भी पूरी आर्थिक सुरक्षा मिलती है.

लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance): टर्म इंश्योरेंस लेने के बाद आपको अपने परिवार की चिंता कम तो होती ही है. साथ ही नॉमिनी को भी पूरी आर्थिक सुरक्षा मिलती है.

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Dhirendra Kumar
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Life Insurance: टर्म इंश्योरेंस (Term Insurance)

Life Insurance: टर्म इंश्योरेंस (Term Insurance) ( Photo Credit : NewsNation)

Life Insurance: टर्म इंश्योरेंस (Term Insurance) या टर्म प्लान (Term Plan) के तहत इंश्योर्ड व्यक्ति की मौत होने पर नॉमिनी को एकमुश्त रकम मिलती है. इसके अलावा इस इंश्योरेंस से कोई दूसरा बड़ा फायदा नहीं मिलता है. दरअसल, टर्म इंश्योरेंस लेने के बाद आपको अपने परिवार की चिंता कम तो होती ही है. साथ ही नॉमिनी को भी पूरी आर्थिक सुरक्षा मिलती है. पॉलिसीधारक की असामयिक मृत्यु के बाद बीमा कंपनी नॉमिनी को इंश्योरेंस की पूरी रकम का भुगतान कर देती है. नॉमिनी इस पैसे को सही निवेश करके भविष्य में सुकून की जिंदगी गुजार सकता है. हालांकि इंश्योरेंस की खरीदारी जितनी आसान लगती है उतनी है नहीं. दरअसल, कई मामलों में इंश्योरेंस खरीदते समय आवेदन को रिजेक्ट कर दिया जाता है. ऐसे में आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि आपका आवेदन रिजेक्ट नहीं हो उसके लिए किन बातों पर ध्यान देने की जरूरत है.

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मेडिकल चेकअप में फिट नहीं होने पर रिजेक्ट हो सकता है आवेदन
इंश्योरेंस कंपनियां आवेदक की हेल्थ की स्थिति को चेक करने के बाद ही पॉलिसी को जारी करती हैं. कई मामलों में पॉलिसी खरीदने वाले का मेडिकल टेस्ट भी कराया जाता है. मेडिकल टेस्ट में अगर आपके स्वास्थ्य को लेकर निगेटिव रिपोर्ट आती है तो बीमा कंपनियां आपके आवेदन को रिजेक्ट कर सकती हैं.

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इंश्योरेंस कंपनियों के द्वारा आवेदक से इनकम सर्टिफिकेट मांगा जाता है. दरअसल कंपनियां इसके जरिए यह जानने की कोशिश करती हैं कि भविष्य में ग्राहक पॉलिसी को जारी रखने में सक्षम है या नहीं. वहीं अगर आवेदक 3 करोड़ रुपये के इंश्योरेंस कवर के लिए अप्लाई करता है तो अगर उसके पास इसके लिए सपोर्टिंग इनकम नहीं है तो उसके आवेदन को खारिज कर दिया जाता है. इसके अलावा हाई रिस्क वाले यानी जिस पेशे में जान का खतरा रहता है ऐसे प्रोफेशनल को इंश्योरेंस पॉलिसी जारी करने में बड़ी मुश्किल होती है. कंपनियां आवेदक से पिछले आवेदनों के बारे में भी जानकारी हासिल करती है अगर किसी कंपनी के द्वारा आपके आवेदन को रिजेक्ट किया गया है तो संभावना रहती है कि नई इंश्योरेंस कंपनी आपके आवेदन को बेहद सावधानीपूर्वक जांच करती है. साथ ही संभव है कि कुछ संशय होने पर आवेदन भी रिजेक्ट कर दिया जाए.

HIGHLIGHTS

  • इंश्योरेंस कंपनियां आवेदक की हेल्थ की स्थिति को चेक करने के बाद ही पॉलिसी को जारी करती हैं 
  • मेडिकल टेस्ट स्वास्थ्य को लेकर निगेटिव रिपोर्ट आने पर आवेदन को रिजेक्ट किया जा सकता है
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