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टर्म इंश्योरेंस (Term Insurance) खरीदने से पहले इन खास बातों का रखें ध्यान, मिलेंगे कई फायदे

टर्म इंश्योरेंस (Term Insurance): पॉलिसीधारक की असामयिक मृत्यु के बाद बीमा कंपनी नॉमिनी को इंश्योरेंस की पूरी रकम का भुगतान कर देती है. नॉमिनी इस पैसे को सही निवेश करके भविष्य में सुकून की जिंदगी गुजार सकता है.

Updated on: 21 Sep 2021, 12:41 PM

highlights

  • टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी पर 80C और धारा 10(10D) के तहत टैक्स में छूट मिलता है
  • पॉलिसी खत्म होने के बाद जीवित रहने पर पॉलिसी होल्डर को कोई लाभ नहीं मिलता है

नई दिल्ली:

टर्म इंश्योरेंस (Term Insurance) या टर्म प्लान (Term Plan) के तहत इंश्योर्ड व्यक्ति की मौत होने पर नॉमिनी को एकमुश्त रकम मिलती है. इसके अलावा इस इंश्योरेंस से कोई दूसरा बड़ा फायदा नहीं मिलता है. दरअसल, टर्म इंश्योरेंस लेने के बाद आपको अपने परिवार की चिंता कम तो होती ही है. साथ ही नॉमिनी को भी पूरी आर्थिक सुरक्षा मिलती है. पॉलिसीधारक की असामयिक मृत्यु के बाद बीमा कंपनी नॉमिनी को इंश्योरेंस की पूरी रकम का भुगतान कर देती है. नॉमिनी इस पैसे को सही निवेश करके भविष्य में सुकून की जिंदगी गुजार सकता है. टर्म प्लान के तहत कम प्रीमियम जमाकर ज्यादा लाइफ कवर हासिल किया जा सकता है. मौजूदा समय में कई Term Insurance प्लान मौजूद हैं. ऐसे में अगर आप टर्म प्लान खरीदने की योजना बना रहे हैं तो उसे खरीदने से पहले उसके कुछ फीचर पर ध्यान जरूर देना चाहिए, ताकि आपको ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके. 

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इनकम का आठ से दस गुना तक होना चाहिए इंश्योरेंस  
इंश्योरेंस (Term Insurance) लेते समय हमेशा अपनी मौजूदा आय को ध्यान में रखना चाहिए. हमेशा इंश्योरेंस इनकम का आठ से दस गुना तक होना चाहिए, ताकि भविष्य में आपके साथ अनहोनी होने पर आपके परिवार का लाइफ स्टाइल आज के जैसे ही बना रहे. इसके अलावा अगर आपने होम लोन लिया हुआ है तो भी इंश्योरेंस लेना बहुत अहम है. दरअसल, आपकी अनुपस्थिति में होम लोन का पैसा चुकाना आपके परिवार के लिए एक बहुत बड़ी मुसीबत बन सकता है, इसलिए टर्म इंश्योरेंस लेना बेहद जरूरी है. मौजूदा समय में कई कंपनियां बेस कवर के साथ ही एक्स्ट्रा कवर भी मुहैया करा रही हैं. 

परिवार को मिलती है सुरक्षा
टर्म इंश्योरेंस में कम प्रीमियम देकर अधिकतम लाइफ कवर हासिल किया जा सकता है. टर्म प्लान एक तरह की जीवन बीमा पॉलिसी ही है. इसमें सीमित अवधि के लिए निश्चित भुगतान दर पर कवरेज मिलता है. इसके अलावा पॉलिसी होल्डर की मौत पर राशि नॉमिनी को मिलती है. किसी भी प्रकार से मौत होने पर परिवार को सुरक्षा का प्रावधान है. हालांकि पॉलिसी खत्म होने के बाद जीवित रहने पर पॉलिसी होल्डर को कोई लाभ नहीं मिलता है.

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टैक्स में छूट का मिलता है लाभ
आमतौर पर दूसरे लाइफ इंश्योरेंस प्रोडक्ट की तुलना में टर्म प्लान में प्रीमियम सबसे कम होता है. अवधि खत्म होने पर मेच्योरिटी का लाभ नहीं मिलता है. सिर्फ पॉलिसी होल्डर की मौत के बाद रकम मिलती है. 18 साल की उम्र में टर्म प्लान खरीदना सबसे अच्छा माना जाता है. उम्र बढ़ने के साथ प्रीमियम ज्यादा होता जाता है. इसलिए समय रहते टर्म प्लान खरीदना सबसे अच्छा कदम माना जाता है. आप 10-35 साल के लिए टर्म प्लान ले सकते हैं. हालांकि उम्र के मुताबिक पॉलिसी की सीमा तय होती है और अधिक उम्र में टर्म प्लान खरीदने पर ज्यादा प्रीमियम देना पड़ सकता है. मौजूदा समय में बहुत सी कंपनियों ने टर्म इंश्योरेंस प्लान में एंट्री करने की अधिकतम उम्र 65 साल रखी हुई हैं. सीनियर सिटीजन से टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से पहले प्री मेडिकल टेस्ट के लिए कंपनियां कह सकती हैं. जानकार कहते हैं कि टर्म इंश्योरेंस खरीदते समय अपनी किसी भी तरह की मेडिकल कंडीशन को नहीं छिपाना चाहिए. पॉलिसी होल्डर को टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी पर 80C और धारा 10(10D) के तहत टैक्स में छूट मिलता है.