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Reverse Mortgage Loan स्कीम है बुढ़ापे का सहारा, जानिए क्या है इसके फायदे

रिवर्स मॉर्गेज लोन (Reverse Mortgage Loan) में बैंक आपके घर को गिरवी रख लेते हैं और हर महीने व्यक्ति को एक निश्चित रकम बैंकों के द्वारा दिया जाता है. रिवर्स मॉर्गेज लोन के अंतर्गत आवेदक की मृत्यु हो जाने पर घर बैंक का हो जाता है.

Updated on: 17 May 2021, 01:08 PM

highlights

  • रिवर्स मॉर्गेज लोन की सुविधा पाने के लिए पुरुष की आयु 60 वर्ष से अधिक होना जरूरी
  • रिवर्स मॉर्गेज लोन के अंतर्गत आवेदक की मृत्यु हो जाने पर घर बैंक का हो जाता है

नई दिल्ली:

रिवर्स मॉर्गेज लोन (Reverse Mortgage Loan): कई बार देखने को मिलता है कि बुढ़ापे में लोगों को भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है. वहीं यह स्थिति तब और गंभीर बन जाती है जब उम्रदराज पति और पत्नी अकेले रह रहे हों और उनके परिवार में कोई भी दूसरा सदस्य नहीं हो. बता दें कि उम्र बढ़ने के साथ ही व्यक्ति की काम करने की क्षमता में गिरावट आ जाती है. ऐसी स्थिति में उनके पास विकल्प भी काफी सीमित हो जाते हैं और उन्हें आर्थिक वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ता है. आज की इस रिपोर्ट में हम रिवर्स मॉर्गेज लोन क्या है और इसके जरिए बुजुर्ग बुढ़ापे में पैसे की कमी को कैसे दूर कर सकते हैं इसको जानने की कोशिश करेंगे.

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क्या है रिवर्स मॉर्गेज लोन (What Is Reverse Mortgage Loan)
रिवर्स मॉर्गेज लोन की सुविधा को पाने के लिए पुरुष का 60 वर्ष से अधिक की उम्र का होना बेहद जरूरी है. वहीं अगर महिलाओं की बात करें तो उनके लिए 58 साल की उम्र होना चाहिए. बता दें कि किसी भी व्यक्ति को होमलोन में घर के सभी डॉक्यूमेंट जमा करने पर लोन (Loan) मिल जाता है. उस होम लोन को चुकाने के लिए हर महीने किश्त (EMI) का भुगतान करना पड़ता है. उसी तरह रिवर्स मॉर्गेज लोन (Reverse Mortgage Loan) में बैंक आपके घर को गिरवी रख लेते हैं और हर महीने व्यक्ति को एक निश्चित रकम बैंकों के द्वारा दिया जाता है. रिवर्स मॉर्गेज लोन के अंतर्गत आवेदक की मृत्यु हो जाने पर घर बैंक का हो जाता है.

घर को गिरवी रख पैसा देता है बैंक
Reverse Mortgage Loan स्कीम के तहत आवेदक को बैंक को पैसा वापस नहीं करना होता है, जबकि बैंक आपके घर को गिरवी रखकर आपको हर महीने एक निश्चित रकम देता है. हालांकि आपको हर महीने रकम कितनी मिलेगी, यह घर की कीमत पर निर्भर करती है. घर के वैल्युएशन के हिसाब से 60 फीसदी तक कर्ज मिल सकता है. कर्ज लेने के बाद भी घर का मालिक अपने घर पर रह सकता है. जानकारों का कहना है कि इस लोन की सबसे बड़ी खासियत ही यह है. हालांकि रिवर्स मॉर्गेज स्कीम के तहत घर गिरवी रखने वाले व्यक्ति की मौत के बाद घर बैंक का हो जाता है. अगर उस व्यक्ति के परिजन घर लेना चाहें तो घर की कीमत देकर घर को बैंक से वापस ले सकते हैं. 

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इस स्कीम के तहत बैंक 60 साल की उम्र से अधिक लोगों को ही कर्ज देती है. हालांकि कुछ बैंक 72 साल की उम्र पार करने पर लोन नहीं देते. इस स्कीम के तहत यह लोन 15 साल तक के लिए दिया जाता है. मान लीजिए कि अगर पति-पत्नी दोनों लोग इस लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो पति की उम्र 60 साल और पत्नी की उम्र 58 साल होना बेहद जरूरी है. रिवर्स मॉर्गेज लोन स्कीम ऐसे बुजुर्गों के लिए बेहद उपयोगी है, जिनकी देखभाल करने वाला कोई भी उनके परिवार में नहीं है. या फिर परिवार में उनके बच्चे अलग रहते हैं और उनकी देखभाल के लिए आर्थिक मदद भी मुहैया नहीं कराते हैं. उन बुजुर्गों के लिए रिवर्स मॉर्गेज लोन (Reverse Mortgage Loan) बुढ़ापे की लाठी है.