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गारंटीड रिटर्न के साथ ही इस अकाउंट पर मिलते हैं ये बड़े फायदे

बता दें कि कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Epidemic) के मौजूदा दौर में बैंकों में ब्याज दरें काफी कम हो गई हैं. ऐसे में PPF अकाउंट का महत्व काफी बढ़ गया है.

Updated on: 09 Jul 2021, 01:43 PM

highlights

  • PPF निवेश के अन्य विकल्पों की तुलना में कम जोखिम और ज्यादा रिटर्न भी मिलता है
  • PPF अकाउंट में जमा राशि पर आयकर अधिनियम की धारा 80 C के तहत टैक्स छूट  

नई दिल्ली:

Investment Update: अगर गारंटीड रिटर्न की बात होगी तो सबसे पहला नाम पब्लिक प्रॉविडेंट फंड यानि PPF (Public Provident Fund) का आएगा. जानकारों का कहना है कि लंबी अवधि के लिए यह निवेश का एक बेहतरीन ऑप्शन है. पीपीएफ में निवेश के अन्य विकल्पों की तुलना में कम जोखिम और ज्यादा रिटर्न भी मिलता है. बता दें कि कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Epidemic) के मौजूदा दौर में बैंकों में ब्याज दरें काफी कम हो गई हैं. ऐसे में PPF अकाउंट का महत्व काफी बढ़ गया है, क्योंकि वहां पर FD के मुकाबले अभी भी ज़्यादा ब्याज मिल रहा है.

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फिक्स नहीं होती हैं ब्याज दरें 
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड पर मिलने वाला इंट्रेस्ट फिक्स नहीं होता है. सरकार हर तीन महीने में इसके रेट की समीक्षा करती है और जरूरी होने पर इसमें बदलाव किए जाते हैं. जानकारों का कहना है कि PPF में निवेश करके ज्यादा ब्याज की कमाई के लिए हर महीने की 5 तारीख से पहले निवेश करना चाहिए. पीपीएफ (PPF Latest News) में किया गया निवेश पूरी तरह से सुरक्षित रहता है और इसके डूबने की गुंजाइश भी ना के बराबर होती है. चूंकि यह स्कीम सरकार की है इसीलिए वह इसकी सुरक्षा की गारंटी भी देती है. ऐसे में निवेशकों को पीपीएफ में निवेश करने से पहले घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है. 

आयकर अधिनियम की धारा 80 C के तहत टैक्स छूट
PPF अकाउंट में जमा राशि पर आयकर अधिनियम की धारा 80 C के तहत टैक्स छूट उपलब्ध है. इसके अलावा खाते में अर्जित संपूर्ण ब्याज आयकर अधिनियम की धारा 10 के तहत कर मुक्त है. तीसरे वित्तीय वर्ष से लेकर छठे वित्तीय वर्ष तक खाते में से लोन की सुविधा भी मिलती है और सातवें वित्तीय वर्ष से खाते में से निकासी की जा सकती है. परिपक्वता के उपरांत खाते को 5-5 वर्ष के ब्लॉक में आगे बढ़ाया जा सकता है लेकिन इसमें प्रत्येक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम राशि जमा करना अनिवार्य है.