1 दिसंबर से बदल जाएंगे कई नियम, RBI दे सकता है सबसे बड़ी राहत, EMI हो सकती है और भी सस्ती

RBI News: पिछले साल फरवरी से RBI ने धीरे-धीरे ब्याज दरों में ढील देना शुरू किया था और अगस्त तक रेपो रेट में कुल 100 बेसिस पॉइंट की कमी की. अभी रेपो रेट 5.5% है.

RBI News: पिछले साल फरवरी से RBI ने धीरे-धीरे ब्याज दरों में ढील देना शुरू किया था और अगस्त तक रेपो रेट में कुल 100 बेसिस पॉइंट की कमी की. अभी रेपो रेट 5.5% है.

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Yashodhan Sharma
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RBI Governor Sanjay Malhotra

RBI Governor Sanjay Malhotra

RBI News: देश में 1 दिसंबर से कई अहम नियम बदलने जा रहे हैं. इसके साथ ही नए महीने की शुरुआत होम लोन और ऑटो लोन लेने वालों के लिए राहत भरी खबर ला सकती है. विशेषज्ञों का कहना है कि महंगाई में लगातार कमी के कारण भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अपनी अगली मौद्रिक नीति में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट यानी 0.25% की कटौती कर सकता है. अगर ऐसा होता है तो बैंकों की ब्याज दरें नीचे आएंगी और EMI भी कम हो जाएगी.

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5 दिसंबर को आएगा बड़ा फैसला

RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक 3 दिसंबर से शुरू होगी और 5 दिसंबर को इसके नतीजों की घोषणा की जाएगी. सुबह 10 बजे RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा रेपो रेट और अन्य महत्वपूर्ण फैसलों की जानकारी देंगे.

कितना रह सकता है Repo Rate?

पिछले साल फरवरी से RBI ने धीरे-धीरे ब्याज दरों में ढील देना शुरू किया था और अगस्त तक रेपो रेट में कुल 100 बेसिस पॉइंट की कमी की. अभी रेपो रेट 5.5% है. विशेषज्ञों को उम्मीद है कि इस बार फिर 25 बीपीएस की कटौती हो सकती है, जिससे रेपो रेट घटकर 5.25% पर आ जाएगा. यह कदम लोन लेने वालों के लिए बड़ी राहत साबित होगा.

महंगाई में गिरावट

CPI आधारित खुदरा महंगाई पिछले दो महीनों से 2% के आसपास बनी हुई है, जो RBI के निर्धारित दायरे के निचले स्तर से भी कम है. इसी वजह से विशेषज्ञ दर कटौती की संभावना जता रहे हैं. हालांकि कुछ अर्थशास्त्री मानते हैं कि दूसरी तिमाही में 8.2% की मजबूत GDP ग्रोथ के चलते RBI फिलहाल ब्याज दर में बदलाव से बच सकता है. साथ ही फिस्कल कंसोलिडेशन, पब्लिक इन्वेस्टमेंट और GST सुधारों ने भी आर्थिक वृद्धि को गति दी है.

GST कटौती का असर दिखा

क्रिसिल के चीफ इकोनॉमिस्ट धर्मकीर्ति जोशी का कहना है कि खाद्य महंगाई में कमी की वजह से हेडलाइन इंफ्लेशन काफी नीचे आया है. कोर महंगाई भी अक्टूबर में 2.6% रही, जिसमें GST कटौती का बड़ा योगदान रहा. HDFC Bank की रिपोर्ट में भी 25 बीपीएस की कमी का अनुमान जताया गया है, जबकि SBI की रिपोर्ट कहती है कि अच्छी GDP ग्रोथ और कम महंगाई को देखते हुए RBI न्यूट्रल रुख अपना सकता है. वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा के मदन सबनवीस का कहना है कि इस बार रेपो रेट पर फैसला बेहद करीबी हो सकता है और बदलाव की संभावना कम है.

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