logo-image

LIC New Jeevan Anand Policy: जीवन के साथ भी और जीवन के बाद भी सुरक्षा देती है LIC की यह पॉलिसी, जानिए खासियत

LIC New Jeevan Anand Policy: जानकारों का कहना है कि जीवन आनंद पॉलिसी में बीमित व्यक्ति का रिस्क कवर खत्म होने के बाद भी जारी रहता है. पॉलिसी अवधि के दौरान अगर पॉलिसी धारक की मौत हो जाती है तो भी व्यक्ति को इंश्योरेंस कवर का फायदा मिलता है.

Updated on: 03 Oct 2020, 01:00 PM

नई दिल्ली:

LIC New Jeevan Anand Policy: देश की सबसे बड़ी Insurance Company में शुमार भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने आम लोगों के लिए कई बेहतरीन बीमा उत्पाद (Insurance Product) पेश किए हैं. एलआईसी समय-समय पर लोगों के लिए सस्ती और बेहतरीन पॉलिसी लेकर आती रहती है. एलआईसी के ये आकर्षक प्लान से लोगों के लिए काफी फायदेमंद साबित होते हैं. आज की इस रिपोर्ट में हम एलआईसी की न्यू जीवन आनंद पॉलिसी (LIC Jeevan Anand Policy) के ऊपर चर्चा करेंगे.

यह भी पढ़ें: बीमाधारकों के लिए आएंगे अच्छे दिन, मिलेंगे हेल्थ कूपन और रिवार्ड पॉइंट 

बीमा धारकों को एलआईसी की इस पॉलिसी के जरिए काफी फायदा होता है. पहला सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें आपको रिस्क कवर तो मिलता ही है. साथ ही दूसरा फायदा इसमें निवेश करने पर आपको टैक्स बचाने में भी मिलता है.

यह भी पढ़ें: निवेशकों के लिए बड़ी खुशखबरी, सरकार ला रही है गारंटीड रिटर्न वाली पेंशन स्कीम

पॉलिसी लेने की न्यूनतम उम्र 18 साल
जानकारों का कहना है कि जीवन आनंद पॉलिसी (LIC's New Jeevan Anand Plan) में बीमित व्यक्ति का रिस्क कवर खत्म होने के बाद भी जारी रहता है. इस प्लान के तहत पॉलिसी अवधि के दौरान अगर पॉलिसी धारक की मौत हो जाती है तो भी व्यक्ति को इंश्योरेंस कवर का फायदा मिलता है. जीवन आनंद पॉलिसी के तहत 18 साल से 50 साल तक की उम्र के लोग कवर हो सकते हैं. एलआईसी ने इस प्लान में शामिल होने के लिए न्यूनतम उम्र 18 साल तय की है.

यह भी पढ़ें: Sukanya Samriddhi Yojana: बेटियों का भविष्य संवारने में मददगार है सुकन्या समृद्धि योजना

आयकर की धारा 80सी के तहत मिलती है इनकम टैक्स में छूट
जीवन आनंद पॉलिसी की अवधि 15 साल से 35 साल है. न्यू जीवन आनंद पॉलिसी को ग्राहक ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन तरीके से भी खरीद सकते हैं. ग्राहक इस प्लान के प्रीमियम का भुगतान मासिक, तिमाही, छमाही और सालाना आधार पर कर सकते हैं. इसके अलावा ग्राहक पॉलिसी 3 साल पूरी हो जाने के बाद पॉलिसी के ऊपर कर्ज भी ले सकते हैं. बीमित व्यक्ति को आयकर की धारा 80सी के तहत इनकम टैक्स में छूट भी मिलती है.