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रिटायरमेंट के बाद लोन लेने से पहले जान लीजिए ये जरूरी बातें, होंगे फायदे

लोन (Loan) आसानी से मंजूर हो जाए इसके लिए एक बेहद अहम क्रेडिट स्कोर (Credit Score) का औसत से बेहतर होना जरूरी है.

Updated on: 29 Jul 2021, 02:31 PM

highlights

  • लोन को आसानी से मंजूर होने के लिए क्रेडिट स्कोर का औसत से बेहतर होना जरूरी 
  • बैंक लोन देने के मामले में पेंशनर्स और एक रेग्युलर इनकम वालों को ज्यादा तरजीह देते हैं

नई दिल्ली:

अगर कोई सीनियर सिटीजन (Senior Citizen) लोन (Loan) की एप्लिकेशन लेकर बैंक जाता है तो बैंक (Bank) लोन को पास करने को लेकर थोड़ा असहज होते हैं. दरअसल, वरिष्ठ नागरिकों की इनकम और उनके जीवन की अनिश्चितताएं लोन की मंजूरी की राह में एक बड़ी अड़चन बनती है और यही वजह है कि बैंक उन्हें लोन देने को लेकर संशकित रहते हैं. ऐसे में रिटायरमेंट (Retirement) के बाद अगर लोन लेने की योजना है तो कुछ खास बातों का ख्याल रखना चाहिए. आज की इस रिपोर्ट में हम आपको बताने जा रहे हैं कि किन तरीकों से लोन एप्लिकेशन को मजबूत बनाया जा सकता है कि ताकि उन्हें आसानी से मंजूरी मिल सके. 

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क्रेडिट स्कोर का औसत से बेहतर होना जरूरी 

लोन आसानी से मंजूर हो जाए इसके लिए एक बेहद अहम क्रेडिट स्कोर  (Credit Score) का औसत से बेहतर होना जरूरी है. दरअसल, बैंक लोन देने से आपके क्रेडिट स्कोर की जांच परख जरूर करता है. खासकर होम लोन के लिए आवेदन करने पर क्रेडिट स्कोर की जांच की जाती है. ऐसे में आपकी फाइनेंशियल रीपेमेंट क्षमता 750 से ऊपर हो आपको हमेशा यह बात ध्यान रखनी चाहिए. इसके अलावा बैंक को लोन के रीपेमेंट को लेकर विश्वास भी दिलाना जरूरी है. बता दें कि होम लोन के मामले में विभिन्न बैंकों का आवेदक की उम्र, इनकम और अन्य चीजों को लेकर अलग-अलग क्राइटेरिया होता है. ऐसे में सीनियर सिटीजन को होम लोन के आवेदन से पहले इन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए. 

बता दें कि बैंक लोन देने के मामले में पेंशनर्स और एक रेग्युलर इनकम वालों को ज्यादा तरजीह देते हैं. हालांकि अलग-अलग बैंकों के ऊपर ये बातें निर्भर करती हैं ऐसे में लोन के आवेदन के लिए इन बातों पर ध्यान रखना चाहिए. सीनियर सिटीजन को बैंकों को लोन के रीपेमेंट क्षमता के बारे में विश्वास दिलाने के लिए एक Co Borrower यानी सह-उधारकर्ता को जोड़ना चाहिए. यह बैंक के प्रति विश्वास बढ़ाने का एक बहुत ही स्मार्ट तरीका है. हालांकि सह-उधारकर्ता के पास रेग्युरल इनकम का जरिया और अच्छा क्रेडिट स्कोर होना जरूरी है. इसके अलावा सह-उधारकर्ता पत्नी, बेटा या बेटी भी हो सकती है. 

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सबसे आखिर में बेहद महत्वपूर्ण बात यह है कि सीनियर सिटीजन को लोन में ज्यादा फीसदी राशि देनी चाहिए इससे ना सिर्फ लोन लेने वाले का क्रेडिट जोखिम कम होता है बल्कि हर महीने जाने वाली EMI के बोझ को भी कम किया जा सकता है. सीनियर सिटीजन सुरक्षित लोन के लिए Gold, PPF और प्रॉपर्टी आदि जैसे कोलैट्रल का चुनाव कर सकते हैं और इसके होने से बैंक लोन के रीपेमेंट को लेकर होने वाले तनाव से भी मुक्त रहते हैं.