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बच्चे की अच्छी पढ़ाई के लिए अभी से शुरू करें तैयारी, भविष्य में नहीं होगी कोई परेशानी

बहुत से माता-पिता शुरुआत में बचत को लेकर खास ध्यान नहीं दे पाते हैं जिसकी वजह से उन्हें बच्चों की पढ़ाई के लिए फंड का इंतजाम करने में काफी मुश्किलें आती हैं.

Updated on: 17 Aug 2020, 12:13 PM

नई दिल्ली:

आज के दौर में सभी माता-पिता अपने बच्चे की अच्छी शिक्षा (Child Education) के लिए हरसंभव कोशिश करते हैं. चूंकि आज के समय में पढ़ाई पर होने वाला खर्च काफी ज्यादा हो गया है. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई के लिए पर्याप्त पैसा (Fund) जमा करना आज की सबसे बड़ी प्राथमिकता हो गई है. दरअसल, बहुत से माता-पिता शुरुआत में बचत को लेकर खास ध्यान नहीं दे पाते हैं जिसकी वजह से उन्हें बच्चों की पढ़ाई के लिए फंड का इंतजाम करने में काफी मुश्किलें आती हैं. हमारी आज की इस रिपोर्ट में बच्चों की पढ़ाई के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planning) किस तरह से करें इस पर चर्चा करने की कोशिश करेंगे.

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अपनी बजट के मुताबिक ही स्कूल में कराएं एडमिशन
पैरेंट्स को आपको अपने बच्चों का एडमिशन ऐसे स्कूल में कराना चाहिए जिसकी फीस वे आसानी से जमा कर सकें. चूंकि समय बीतने के साथ ही पढ़ाई के खर्च में भी बढ़ोतरी होती जाती है. मौजूदा समय में मेडिकल, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और टीचिंग आदि की पढ़ाई का अलग-अलग खर्च है. मान लीजिए कि अभी इंजीनियरिंग की पढ़ाई का खर्च करीब 4 लाख रुपये है, लेकिन 10 वर्ष बाद 8 से 10 लाख रुपये भी हो सकता है.

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निवेश के लिए बेहतरीन विकल्प

  • फिक्स्ड डिपाजिट या रेकरिंग डिपाजिट में हर महीने निवेश किया जा सकता है. इसमें ब्याज मिलने के साथ पैसा भी बढ़ता रहता है. फिक्स्ड डिपाजिट में निवेश से कोई रिस्क या जोखिम नहीं होता है. हालांकि इसमें रिटर्न कम मिलता है इसके अलावा ब्याज पर टैक्स भी देना पड़ता है.
  • पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड: बच्चों के लिए PPF खाता खोला जा सकता है. यह अकाउंट 15 वर्ष बाद मैच्योर होगा. PPF में अच्छा ब्याज मिलता है. इस इंस्ट्रूमेंट में कोई रिस्क नहीं है. इसके अलावा ब्याज पर टैक्स भी नहीं लगता.
  • सुकन्या समृद्धि योजना: इस योजना में सिर्फ बेटियों के लिए निवेश किया जा सकता है. इस योजना में PPF से ज्यादा ब्याज मिलता है. इसके अलावा इसपर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री है. इस खाते का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि ये 21 वर्ष बाद मैच्योर होगा. सुकन्या योजना में एक विकल्प यह है की बेटी की 18 वर्ष की आयु के बाद 50 फीसदी तक पैसा निकाला जा सकता है.
  • इक्विटी म्यूचुअल फंड: इक्विटी म्यूचुअल फंड में लॉन्ग टर्म में निवेश से अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना है. जानकारों के मुताबिक लॉन्ग टर्म में म्यूचुअल फंड में निवेश से सालाना करीब 12 फीसदी रिटर्न हासिल किया जा सकता है. लॉन्ग टर्म के निवेशकों को SIP के जरिए निवेश की सलाह दी जाती है.
  • यूलिप: पैरेंट्स इंश्योरेंस कंपनी से यूलिप प्लान भी खरीद सकते हैं. मार्केट में यूलिप के कई ऑप्शन मौजूद हैं. बस ध्यान देने की जरूरत है कि जानकारी के अभाव में कोई गलत यूलिप में निवेश नहीं कर दें.

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फाइनेंशियल प्लानिंग कैसे करें 
पैरेंट्स को सबसे पहले यह तय करना चाहिए कि भविष्य में उनके बच्चे की पढ़ाई के ऊपर कितना खर्च आने की संभावना है और उसी के अनुसार निवेश को शुरू कर दें. यहां एक बात ध्यान देने वाली बात है कि शुरू शुरू में हो सकता है कि खर्च का सही अंदाजा नहीं लग पाए लेकिन समय बीतने के साथ पढ़ाई पर लगने वाले खर्च के बारे में अंदाजा हो जाएगा. ऐसे में समय-समय पर निवेश की समीक्षा करते जाना चाहिए.