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गौतम अडानी की बादशाहत खत्म, अर्श से फर्श पर पहुंचे, संपत्ति भी आधी हुई

Business: लगता है कि अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी के बुरे दौर शुरू हो गई है. शेयर बाजार में लगातार अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट जारी है.  ताजा आकंड़े के मुताबिक उनकी संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है. अब उनकी सम्पति 61.3 अरब डॉलर तक पहुंच गया है

Updated on: 03 Feb 2023, 10:45 AM

highlights

  • गौतम अडानी टॉप-20 से बाहर
  • अडानी ग्रुप लौटायेगा 20 हजार करोड़
  • आरबीआई ने मांगा बैंको से रिपोर्ट

नई दिल्ली:

Business: लगता है कि अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी के बुरे दौर शुरू हो गई है. शेयर बाजार में लगातार अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट जारी है.  ताजा आकंड़े के मुताबिक उनकी संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है. अब उनकी सम्पति 61.3 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. वही पिछले साल उनकी कुल संपत्ति करीब 141 अरब डॉलर हो गई थी. अडानी ने पिछले 24 घंटे में शेयरों में गिरावट की वजह से 10 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है.

ब्लूमबर्ग के ताजे आंकड़ो को मुताबिक पिछले तीन दिनों में शेयरों की गिरावट के बाद उनकी संपति में 34 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. जिसके बाद वो दुनिया के अमीरों की लिस्ट में टॉप-20 की लिस्ट से बाहर हो गये है. जानकारी के मुताबिक अब वो 20वें स्थान पर पहुंच गये है. हिंडनबर्ग रिपोर्ट के खुलासे के बाद अडानी के शेयरों में गिरावट जारी है. हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप से 88 सवालों के जरिए षडयंत्र करने की रिपोर्ट की थी. वही पिछले दिन अडानी ग्रुप ने एफपीओ को कैंसिल कर शेयरधारकों के 20 हजार करोड़ वापस करने का फैसला किया है. 

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हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक रिजर्व बैंक ने एलआईसी और स्टेट बैंक से पूरा ब्यारों मांगा है. एलआईसी और स्टेट बैंक ने अडानी ग्रुप को भारी लोन दिया है. जिसका असर बैंको पर पड़ सकता है. वही मामले पर संज्ञान लेते हुए मार्केट रेगुलेटर सेबी भी अब शेयरों में गिरावट और शेल कंपनियों के द्वारा पैसों की हैराफेरी के आरोप की जांच कर रही है. सेबी को संदेह है कि अडानी ने अपने शेयरों के दाम को वास्तविक दाम से अधिक दिखाया. वही सात शेल कंपनियों के जरिए हेराफेरी की है.

न्यज एजेंसी एएनआई के मुताबिक इस मामले पर DIPAM के सचिव तुहिन कांता पांडे ने कहा है कि यह उनके अधिकार क्षेत्र के बाहर है. वो सिर्फ केन्द्रीय पीएसयू के बारे में देखती है. वो सरकारी सिक्योरिटीज पर काम करते है जो अभी तक सुरक्षित है. एलआईसी कही भी निवेश कर सकता है ये उसके अधिकार में है, और इसकी जांच के लिए रेगुलेटर IRDAI है जो अपना काम करेगी.