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Twitter( Photo Credit : IANS )
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Twitter( Photo Credit : IANS )
नए आईटी नियमों पर भारत सरकार से माइक्रोब्लॉगिंग साइट Twitter को टकराना महंगा पड़ रहा है. दरअसल, Twitter द्वारा नई नियमावली को न मानने पर केंद्र सरकार ने उसका स्पेशल स्टेट्स खत्म कर दिया है. Twitter के अड़ियल रुख के बाद भारत सरकार सख्त हो गई है. यही वजह है कि केंद्र की ओर से Twitter को कोई भी छूट न देने का फैसला किया गया है. विवाद के बीच Twitter का शेयर 52 हफ्ते की ऊंचाई से 25 फीसदी से ज्यादा टूट चुका है. बता दें कि बुधवार को न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर कंपनी का शेयर 0.50 फीसदी की गिरावट के साथ 59.93 डॉलर पर बंद हुआ था. हालांकि कंपनी का शेयर फिलहाल मजबूती के साथ 60.71 डॉलर के करीब कारोबार करते हुए देखा गया. बता दें कि नए आईटी नियमों को लेकर विवाद शुरू होने के बाद से कंपनी का शेयर अब तक 25 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है.
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बाजार पूंजीकरण में 1.03 लाख करोड़ रुपये की आ चुकी है गिरावट
बता दें कि 25 फरवरी 2021 को Twitter का शेयर 52 हफ्ते की ऊंचाई 80.75 डॉलर पर पहुंच गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत सरकार से ट्विटर की तकरार शुरू होने के बाद से अब तक कंपनी के बाजार पूंजीकरण में 13.87 बिलियन यानी 1.03 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आ चुकी है. बता दें कि वित्त मंत्रालय में प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने कहा कि कंपनियों को भारतीय कानूनों का पालन करना ही होगा. उन्होंने आगे कहा कि विशेष रूप से तब जब विदेशी कंपनियां भारत की आंतरिक राजनीतिक बहस में किसी का पक्ष लेती हैं तो ऐसी घटनाएं विदेशी उपनिवेशीकरण को जन्म देती हैं.
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हालांकि ऐसा करना भौतिक रूप से संभव नहीं है, लेकिन डिजिटल उपनिवेशवाद भी काफी खराब है. सरकारी सूत्रों के अनुसार ट्विटर का मध्यस्थ का दर्जा खत्म होने से अब कंटेंट को लेकर किसी भी तरह की शिकायत मिलने पर माइक्रोब्लॉगिंग साइट के खिलाफ कार्रवाई की जा सकतीह है. गौरतलब है कि बीते 5 जून को केंद्र ने ट्विटर को नियमों का पालन करने की लास्ट वॉर्निंग दी थी. लेकिन ट्विटर पर इस चेतावनी का कोई असर नहीं हुआ, जिसके चलते सरकार को मजबूरी के चलते यह कदम उठाना पड़ा है. बता दें कि इससे पहले माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर द्वारा एक मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त किए जाने के एक दिन बाद, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को कहा कि अमेरिका स्थित कंपनी नए नियमों का पालन करने में विफल रहा है.
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