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भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर दुनिया के इस बड़े ब्रोकरेज हाउस ने जारी की चौंकाने वाली रिपोर्ट

यूबीएस सिक्योरिटीज (UBS Securities) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर को काबू में करने के लिए राज्यों के द्वारा अप्रैल और मई के दौरान लगाए गए लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था में गिरावट आ सकती है.

Updated on: 18 Jun 2021, 09:50 AM

highlights

  • भारतीय अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में 12 फीसदी गिरावट की आशंका 
  • वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसदी का संकुचन देखने को मिला था

नई दिल्ली:

Coronavirus (Covid-19): चालू वित्त वर्ष 2021-22 की जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था (India GDP Growth 2021) में 12 फीसदी की गिरावट आने का अनुमान है. स्विट्जरलैंड की ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस सिक्योरिटीज (UBS Securities) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर को काबू में करने के लिए राज्यों के द्वारा अप्रैल और मई के दौरान लगाए गए लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था में गिरावट आ सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल इसी तिमाही के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में 23.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी. रिपार्ट के अनुसार पिछले साल केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा सिर्फ चार घंटे के नोटिस पर लगाए गए लॉकडाउन की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान उठाना पड़ा था.

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वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान अर्थव्यवस्था में  देखने को मिला था 7.3 फीसदी का संकुचन
रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसदी का संकुचन देखने को मिला था. लॉकडाउन लगाने की वजह से पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था के ऊपर काफी नकारात्मक असर देखने को मिला था और जिसकी वजह से जीडीपी में 23.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी. हालांकि दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ में थोड़ा सुधार देखने को मिला था और अर्थव्यवस्था में 17.5 फीसदी का संकुचन दर्ज किया गया था. वहीं दूसरी छमाही में जीडीपी ग्रोथ में तेजी से सुधार हुआ था. चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 1.6 फीसदी पर आ गई. कुल मिलाकर वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी ग्रोथ 7.3 फीसदी पर सीमित रही. 

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अर्थव्यवस्था में  वी शेप की रिकवरी मुश्किल: यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया 
यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2021-22 में 12 फीसदी की गिरावट से इस बार अर्थव्यवस्था में  वी शेप की रिकवरी मुश्किल है. पिछले साल राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन हटने के बाद अर्थव्यवस्था में वी शेप की रिकवरी देखने को मिली थी. रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल की तुलना में लोग कोरोना को लेकर काफी चिंतित हैं और जिसकी वजह से उपभोक्ता मांग में कमी दिखाई पड़ सकती है. हालांकि जानकारों का कहना है कि कोविड-19 टीकाकरण में तेजी आने के साथ उपभोक्ता और व्यापार में भरोसा बढ़ने की उम्मीद है और जिसकी वजह से दूसरी छमाही से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने की संभावना है.