सबसे अमीर 10 फीसदी अमेरिकियों के पास है अमेरिकी शेयर बाजार के करीब 90 फीसदी शेयर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ताजा आंकड़ों के अनुसार सबसे अमीर 10 फीसदी अमेरिकियों के पास अब देश के सभी शेयरों का 89 फीसदी हिस्सा है. मतलब यह कि अमेरिका में शेयर बाजार में एक तरह से अमीरों का ही कब्जा है.
highlights
- सबसे अमीर 1 फीसदी अमेरिकियों ने निवेश के जरिए 6.5 अरब ट्रिलियन से ज्यादा की कमाई की
- सबसे अमीर 1 फीसदी अमेरिकियों की कुल संपत्ति में 32 फीसदी रिकॉर्ड बढ़ोतरी हो गई है
मुंबई:
अमेरिकी शेयर बाजार पिछले साल मार्च 2020 के निचले स्तर से करीब दोगुना हो चुका है, वहीं जनवरी 2020 से यह तकरीबन 40 फीसदी ऊपर है. कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के दौरान अमेरिका में शेयर बाजार जहां वेल्थ क्रिएशन (Wealth Creation) का प्रमुख स्रोत रहा है. वहीं दूसरी ओर शेयर मार्केट से वहां के लोगों में आर्थिक असमानता भी काफी तेजी से बढ़ी है. आपको यह अजीब लग रहा होगा लेकिन यह सच है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ताजा आंकड़ों के अनुसार सबसे अमीर 10 फीसदी अमेरिकियों के पास अब देश के सभी शेयरों का 89 फीसदी हिस्सा है. मतलब यह कि अमेरिका में शेयर बाजार में एक तरह से अमीरों का ही कब्जा है. यह कहना गलत नहीं होगा कि शेयर बाजार ने बड़े और छोटे निवेशकों के बीच खाई को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई है.
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सबसे अमीर 1 फीसदी अमेरिकियों ने रिकॉर्ड कमाई की
रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अमीर 1 फीसदी अमेरिकी लोगों ने COVID-19 महामारी के दौरान कॉर्पोरेट इक्विटी (Corporate Equities) और म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश के जरिए जहां 6.5 अरब ट्रिलियन से ज्यादा की कमाई की है. वहीं दूसरी ओर सबसे गरीब 90 फीसदी ने लोगों ने 1.2 अरब ट्रिलियन की कमाई हासिल की थी. रिपोर्ट के मुताबिक इस साल की दूसरी तिमाही में सबसे धनी 10 फीसदी अमेरिकियों के पास कथित तौर पर रिकॉर्ड कॉर्पोरेट इक्विटी और म्यूचुअल फंड थी, जबकि सबसे कम 90 फीसदी अमेरिकियों के पास सिर्फ 11 फीसदी स्टॉक थे, जो कि कोविड महामारी से पहले के 12 फीसदी से कम थी.
आंकड़ों से पता चलता है कि शीर्ष 1 फीसदी अमेरिकियों की कुल संपत्ति में 32 फीसदी रिकॉर्ड बढ़ोतरी हो गई है. पिछले डेढ़ साल में उनकी संपत्ति को बढ़ाने में लगभग 70 फीसदी योगदान पोर्टफोलियो में शामिल शेयर्स का रहा है. यही वजह है कि हाल कि दिनों में यह सबसे तेज पैसा बनाने वाला इंस्ट्रूमेंट बनकर उभरा है. पिछले कुछ महीनों में लाखों नए निवेशकों के शेयर बाजार में प्रवेश करने के बावजूद कोरोना प्रकोप की शुरुआत के बाद पहली बार निवेश को लेकर लोग ज्यादा जागरुक दिखाई पड़ रहे हैं और जिसकी वजह से कई विशेषज्ञों ने इसे शेयरों का लोकतांत्रिकीकरण करार दिया है.
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