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बाजार खुलने के 5 मिनट में निवेशकों के 3.5 लाख करोड़ रुपये स्वाहा, BSE और Nifty में भारी गिरावट

अमेरिकी शेयर बाजार में आई भारी गिरावट की वजह से एशियाई बाजारों में तेज बिकवाली हुई है. इसी वजह से सेंसेक्स-निफ्टी भी लुढ़क गए है. बाजार खुलने के 5 मिनट में निवेशकों के 3.5 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए.

Updated on: 12 Jun 2020, 10:32 AM

highlights

  • अमेरिका के केंद्रीय बैंक के अर्थव्यवस्था पर बयानों से वैश्विक शेयर बाजारों में हड़कंप.
  • सप्ताह के आखिरी दिन BSE 800 अंक तो निफ्टी 200 अंक तक गिरा.
  • बाजार खुलने के 5 मिनट में निवेशकों के 3.5 लाख करोड़ रुपये स्वाहा.

मुंबई:

अमेरिका (America) के केंद्रीय फेडरेल रिजर्व बैंक की ओर से अर्थव्यवस्था (Economy) को लेकर जारी किए गए चिंता भरे अनुमानों का असर वैश्विक शेयर बाजारों (Stock Market Crash) में आई भारी गिरावट के रूप में सामने आया है. इस गिरावट से भारतीय घेरलू बाजार भी बच नहीं सका. इसके परिणामस्वरूप सप्ताह के आखिरी दिन शुक्रवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों वाला प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स (Sensex) 800 अंक गिरकर 32785 के स्तर पर आ गया है. वहीं, NSE के प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी (Nifty) 200 अंक गिरकर 9,687 के स्तर पर है. विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी शेयर बाजार में आई भारी गिरावट की वजह से एशियाई बाजारों में तेज बिकवाली हुई है. इसी वजह से सेंसेक्स-निफ्टी भी लुढ़क गए है. बाजार खुलने के 5 मिनट में निवेशकों के 3.5 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए है. कोरोना के कारण कच्चे तेल में भारी गिरावट दिख रही है. ब्रेंट 8 फीसदी फिसलकर 37 डॉलर के करीब आ गया है. अमेरिका में भंडार बढ़ने से भी कीमतों पर दबाव देखने को मिल रहा है.

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अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट का असर
गुरुवार के कारोबार में अमेरिकी शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आई. कारोबार के अंत में डाउ जोन्‍स 1,861.82 अंक या 6.90 फीसदी लुढ़क कर 25,128.17 अंक पर रहा. बता दें कि अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेड रिजर्व ने कहा कि 2020 में अमेरिकी अर्थव्‍यवस्‍था की ग्रोथ 6.5 फीसदी संकुचित होगी और बेरोजगारी दर साल के अंत तक 9.3 फीसदी रहेगी. इसके साथ ही फेडरल रिजर्व ने ब्‍याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया. कोरोना संकट काल के बीच अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने अपने देश की इकोनॉमी को लेकर अनुमान जारी किए हैं. इन अनुमानों में यूएस की इकोनॉमी को लेकर चिंता जाहिर की गई है तो वहीं बेरोजगारी और जीडीपी के आंकड़ों में सुधार में लंबा समय लगने की बात कही गई है. यूएस फेड के इस अनुमान के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में घबराहट का माहौल है. इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी दिख रहा है.

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भारतीय शेयर बाजार भी नहीं रहा अछूता
सप्‍ताह के आखिरी कारोबारी दिन की शुरुआत में भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आई. सेंसेक्‍स 900 अंक तक लुढ़क कर 33 हजार के नीचे कारोबार कर रहा था तो वहीं निफ्टी 250 अंक से ज्‍यादा टूटकर 9 हजार 600 के स्‍तर पर था. इस दौरान बीएसई इंडेक्‍स के सभी 30 शेयर लाल निशान पर थे. यानी सभी शेयर में बिकवाली आई है. इससे पहले, गुरुवार को सेंसेक्‍स 708.68 अंक या 2.07 प्रतिशत के नुकसान से 33,538.37 अंक पर बंद हुआ. अगर निफ्टी की बात करें तो ये 214.15 अंक या 2.12 प्रतिशत के नुकसान से 10,000 अंक से नीचे 9,902 अंक पर आ गया. एसकोर्ट सिक्योरिटी के रिसर्च हेड आसिफ इकबाल ने बताया कि गुरुवार को अमेरिकी मार्केट में तीन महीने की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली. एक समय प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स डाओ जोंस 1850 अंक से ज्यादा फिसला था. वहीं, S&P 500 188 अंक तो Nasdaq 527 अंक गिरा. उनका कहना है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद अब दुनियाभर में इकोनॉमी खुलने लगी है. लेकिन इससे कोरोना के मामले बढ़ने की आशंका है. इसीलिए इकोनॉमी रिवाइवल को लेकर भी आशंकाएं हैं. बाजार को और राहत पैकेज की जरूरत है.