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रूस बना दूसरा सबसे बड़ा सप्लायर! सऊदी अरब से ज्यादा तेल दिया भारत को

Oil Import From Russia: भारत अपनी तेल जरूरतों का 85 फीसदी हिस्सा दूसरे देशों से आयात करता है, जिसमें सबसे ज्यादा मात्रा में तेल ईराक और उसके बाद सऊदी अरब से आयात किया जाता था.

Updated on: 14 Jun 2022, 11:38 AM

highlights

  • भारत की रिफाइनिंग कंपनियों ने डिस्कांउट पर खरीदा रूसी तेल
  • पहले कुल जरूरत का 1 फीसदी से भी कम तेल आयात होता था 

नई दिल्ली:

Oil Import From Russia: रूस भारत को कच्चा तेल सप्लाई करने वाला दूसरा बड़ा सप्लायर बन गया है, रूस ने देश के लिए दूसरा बड़ा सप्लायर बन अब सऊदी अरब को भी पीछे छोड़ दिया है. गौरतलब है कि भारत अपनी तेल जरूरतों का 85 फीसदी हिस्सा दूसरे देशों से आयात करता है, जिसमें सबसे ज्यादा मात्रा में तेल ईराक और उसके बाद सऊदी अरब से आयात किया जाता था. वहीं ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक तेल का सबसे बड़ा उत्पादक देश रूस ने बीते महीने में भारत को 2.5 बैरल कच्चा तेल सप्लाई किया है.

डिस्काउंट पर मिल रहा था कच्चा तेल
गौरतलब है कि रूस- युक्रेन महायुद्ध के कारण रूस पर लगे प्रतिबंधों के चलते वह तेल की सप्लाई छूट के साथ करना चाहता है. जिसका फायदा भारत भी उठाना चाहता है. रूस ने तेल पर करीब 30 डॉलर प्रति बैरल की छूट उपलब्ध करवाई. तेल के लिए भारत ने छूट का फायदा उठाते हुए पिछले महीने अपनी जरूरत का कुल 16 फीसदी आयात रूस से किया. देश की रिफाइनिंग कंपनियों ने रूस से कच्चा तेल डिस्काउंट पर खरीदते हुए करीब 2.5 बैरल कच्चा तेल आयात किया.

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1 फीसदी से 5 फीसदी का उछाल
रूस- यूक्रेन महायुद्ध के बाद से ही रूस से समुद्री रास्ते से तेल की सप्लाई बढ़ी. आंकड़ें बताते हैं कि इस साल अप्रैल में रूसी तेल की सप्लाई देश में कुल जरूरत का 5 फीसदी हुई. जबकि इस साल पहली तिमाही और बीते साल 2021 की पहली तिमाही में भारत रूस से 1 फीसदी से भी कम तेल आयात कर रहा था.

भारत की तेल जरूरत में भी उछाल
मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि भारत की तेल की जरूरत में जबरदस्त इजाफा हुआ है. जहां भारत की साल 2020 में रोजाना 4.51 मिलियन बैरल तेल जरूरत रही थी वहीं साल 2021 में भारत रोजाना 4.76 मिलियन बैरल तेल की जरूरत में रहा. साल 2021 में भारत की सालाना 1737.4 मिलियन बैरल तेल जरूरत रही.