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आकाश को टेलीकॉम तो ईशा को रिटेल! क्या आएगी अब अनंत अंबानी की बारी

Mukesh Ambani Latest News: मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मुकेश अंबानी ने अपने कारोबार को बच्चों में बांटने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है. 27 जून को उन्होंने अपनी टेलीकॉम यूनिट रिलायंस जियो के चेयरमैन पद से इस्तीफा दिया.

Updated on: 30 Jun 2022, 11:50 AM

highlights

  • 27 जून को मुकेश अंबानी ने रिलायंस जियो के चेयरमैन पद से इस्तीफा दिया था
  • आकाश और ईशा के बाद मुकेश अंबानी बेटे अनंत को भी जल्द कारोबार सौंपेंगे

नई दिल्ली:

Mukesh Ambani Latest News: इन दिनों मुकेश अंबानी सुर्खियों में बने हुए हैं. पिछले दिनों रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) ने अपने बेटे आकाश को रिलायंस टेलीकॉम का कार्यभार सौंपा. इसके बाद बेटी ईशा को भी रिलांयस के  रिटेल बिजनेस सौंपने की बात सामने आई वहीं मुकेश अंबानी अब अपने छोटे बेटे अनंत अंबानी को भी एक नई जिम्मेदारी सौंपते हुए नजर आएंगे. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मुकेश अंबानी ने अपने कारोबार को बच्चों में बांटने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है. सबसे पहले 27 जून को उन्होंने  अपनी टेलीकॉम यूनिट रिलायंस जियो (Reliance Jio) के चेयरमैन पद से इस्तीफा दिया और इसका कार्यभार बड़े बेटे आकाश अंबानी को सौंप दिया.

पिता जैसी गलती नहीं करेंगे मुकेश अंबानी
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट खुलासा करती है कि मुकेश अंबानी अपने पिता धीरूभाई अंबानी की तरह गलती नहीं करना चाहते हैं. गौरतलब है कि मुकेश अंबानी का अपने छोटे भाई अनिल अंबानी से पिता के जाने के बाद सालों तक कारोबार के लिए झगड़ा रहा था. यही वजह है कि मुकेश अंबानी बच्चों में अपने कारोबार बांटने की योजना पर समय रहते काम करने लगे हैं. 

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अनंत को मिल सकती है ये जिम्मेदारी
रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) अपने बड़े बेटे आकाश और जुड़वा बहन ईशा को उनकी जिम्मेदारी सौंप चुके हैं. इसी के साथ अब वे बहुत जल्द छोटे बेट अनंत को भी कारोबार में एक बड़ी जिम्मेदारी देंगे. माना जा रहा है कि मुकेश अपने छोटे बेटे अनंत को ऑयल टू कैमिकल बिजनेस की जिम्मेदारी सौंपेंगे. 27 साल के अनंत अंबानी को पिता के कारोबार की जिम्मेदारी मिलते ही नई चुनौतियों का भी सामना करना होगा. उनके सामने ग्रीन हाइड्रोजन को 1दशक की अवधि में 1 डॉलर प्रति किलोग्राम से कम कीमत में लाने की चुनौती होगी.